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दक्षिण चीन सागर में अमेरिका की गश्त से चीन फिर हुआ आगबबूला

दक्षिण चीन सागर के समीप अमेरिकी युद्धपोत के आने से चीन ने एक बार फिर से इस पर कड़ी नाराजगी व्‍यक्त की है। चीन का कहना है कि इस तरह से अमेरिका स्थि‍रता के लिए खतरा पैदा कर रहा है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 10 May 2016 04:38 PM (IST)Updated: Tue, 10 May 2016 06:03 PM (IST)
दक्षिण चीन सागर में अमेरिका की गश्त से चीन फिर हुआ आगबबूला

बीजिंग (रायटर)। मंगलवार को दक्षिण चीन सागर के विवादित द्वीप के नजदीक से होकर अमेरिकी युद्धपोत गुजरा। प्रतिक्रिया में चीन ने नाराजगी जाहिर की है। कहा है, युद्धपोत की गश्त गैरकानूनी थी और यह इलाके की शांति और स्थिरता के लिए खतरा है। अमेरिका दक्षिण चीन सागर के इस इलाके को सार्वजनिक मानता है।

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गाइडेड मिसाइलों से लैस अमेरिकी पोत यूएसएस विलियम पी लॉरेंस ने चीन द्वारा अधिकृत फेरी क्रॉस रीफ के नजदीक से करीब 12 मील का सफर तय किया। इसे इलाके में बेरोक-टोक आवागमन का संदेश देने के लिए अमेरिकी प्रयास माना जा रहा है। अभी तक चीन के अलावा ताइवान और वियतनाम ही इस इलाके का इस्तेमाल करते रहे हैं। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता बिल अर्बन के मुताबिक दक्षिण चीन सागर की यह गश्त सामुद्रिक संपत्ति के अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करते हुए की गई थी। यहां जाने-आने का अधिकार सबका है।

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इलाके में चल रही तनातनी के बीच चीन ने रीफ को कृत्रिम द्वीप में तब्दील करके वहां पर सैन्य उपयोगी निर्माण कर डाला है। बताया जाता है कि वहां पर हवाई पट्टी भी बनाई गई है। जबकि अमेरिका ने इलाके को सार्वजनिक बताने की नीयत से वहां की गश्त बढ़ा दी है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ल्यू कांग ने कहा है कि अमेरिकी जहाज गैरकानूनी ढंग से चीन की जलसीमा में घुसा। उसका पीछा किया गया और चेतावनी देकर बाहर किया गया। यह चीन की संप्रभुता और सुरक्षा हितों का उल्लंघन है। चीन का दावा है कि सागर का ज्यादातर हिस्सा उसका है। इस इलाके से होकर दुनिया का लाखों करोड़ रुपये का व्यापार होता है।

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