आस्तित्व में आ सकता है शनि का नया चंद्रमा
नासा के कैसिनी अंतरिक्षयान ने शनि के वलय से एक बर्फीली वस्तु के गठन और इसके धीरे धीरे अलग होने की प्रक्रिया के संबंध में जरूरी साक्ष्य जुटाए हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह शनि का नया चंद्रमा हो सकता है जिसका व्यास आधे मील से अधिक नहीं है।
वाशिंगटन। नासा के कैसिनी अंतरिक्षयान ने शनि के वलय से एक बर्फीली वस्तु के गठन और इसके धीरे धीरे अलग होने की प्रक्रिया के संबंध में जरूरी साक्ष्य जुटाए हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह शनि का नया चंद्रमा हो सकता है जिसका व्यास आधे मील से अधिक नहीं है।
कैसिनी के कैमरे से पिछले वर्ष 15 अप्रैल को एक तस्वीर खींची गई थी जिसमें शनि के 'ए' वलय के किनारों पर काफी हलचल दिखाई दे रही है। इसके एक भाग में अपने आस पास की तुलना में बीस गुना ज्यादा चमकदार एक चाप बनता दिखाई दे रहा है। यह चाप 1,200 किमी लंबा और दस किमी चौड़ा है। लंदन स्थित क्वीन मेरी यूनिवर्सिटी के कार्ल मुरे ने कहा, 'हमने इससे पहले ऐसा कुछ नहीं देखा है। हम संभवत किसी चंद्रमा के गठन की प्रक्रिया को देख रहे हैं, जहां कोई वस्तु वलयों को छोड़कर चंद्रमा बनने जा रही है। शनि के वलयों में आमतौर पर कोई हलचल दिखाई नहीं देती है। लेकिन हाल के कुछ समय में इसके किनारों में असाधारण उभार का अनुभव किया जा रहा है। यह चमकदार चाप और उभार इसके आस पास मौजूद किसी वस्तु के गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव है। हमने इस वस्तु को 'पैगी' नाम दिया है।'
पैगी के आकार में ज्यादा बढ़ने की उम्मीद नहीं है और यह अलग भी हो सकता है। इसके गठन की प्रक्रिया और आसपास की गतिविधियों से शोधकर्ताओं की शनि के चंद्रमाओं टाइटन और एन्सेलादस का अध्ययन करने में मदद मिलेगी। कैसिनी वर्ष 2016 में शनि के 'ए' वलय के और नजदीक पहुंचेगा जिससे पैगी के बारे में और जानकारी मिल पाएगी।