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सात दशक बाद मिला अमेरिकी युद्धपोत इंडियानापोलिस का मलबा

अभियान को अंजाम देकर लौटते वक्त 30 जुलाई, 1945 को एक जापानी पनडुब्बी ने इस पर हमला किया था।

By Mohit TanwarEdited By: Published: Mon, 21 Aug 2017 11:44 AM (IST)Updated: Mon, 21 Aug 2017 11:48 AM (IST)
सात दशक बाद मिला अमेरिकी युद्धपोत इंडियानापोलिस का मलबा
सात दशक बाद मिला अमेरिकी युद्धपोत इंडियानापोलिस का मलबा

वॉशिंगटन, एजेंसी। द्वितीय विश्व युद्ध के आखिरी दिनों में जापानी पनडुब्बी के हमले का शिकार बने अमेरिकी युद्धपोत का मलबा 72 वर्ष बाद शोधकर्ताओं ने प्रशांत महासागर में खोज निकाला है। यूएसएस इंडियानापोलिस नामक इस युद्धपोत को जापानी शहर हिरोशिमा में गिराए जाने वाले परमाणु बम के कुछ हिस्सों को पहुंचाने के गोपनीय अभियान पर भेजा गया था।

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अभियान को अंजाम देकर लौटते वक्त 30 जुलाई, 1945 को एक जापानी पनडुब्बी ने इस पर हमला किया था। शोधकर्ताओं के इस दल का नेतृत्व कर रहे पॉल एलेन ने दावा किया है कि इंडियानापोलिस का मलबा प्रशांत महासागर में सतह से 18 हजार फीट (करीब 5.5 किलोमीटर) नीचे मिला है।

अमेरिकी नौसेना के इतिहास प्रभाग के अनुसार, हमले के 12 मिनट बाद ही इंडियानापोलिस डूब गया था। इस वजह से युद्धपोत से संकट संबंधी कोई संकेत नहीं भेजा जा सका था। युद्धपोत पर सवार चालक दल के 1196 सदस्यों में से 800 ने समंदर में छलांग लगा दी थी। पांच दिन बाद इनमें से केवल 316 लोगों को ही बचाया जा सका था। बाकी लोग डिहाइड्रेशन या शार्क का शिकार बन गए थे। इंडियानापोलिस के चालक दल के 22 सदस्य अब भी जीवित हैं। अमेरिकी नौसेना उन्हें सम्मानित करने की योजना बना रही है।

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