यूएई द्वारा कथित वेबसाइट हैकिंग 'दुर्भाग्यपूर्ण' और कानून का उल्लंघन: कतर
वाशिंगटन पोस्ट की खबर के मुताबिक, यूएई ने एक फर्जी खबर फ्लांट की जिसके कारण कतर और अन्य अरब देशों के बीच संकट शुरू हो गया।
दुबई, एपी। कतर एक छोटा-सा खाड़ी देख है, जिसे उसके पड़ोसी देशों ने अलग-थलग कर दिया है। हालांकि कतर सरकार की वेबसाइट को हैक कर अन्य देशों को उकसाने में संयुक्त अरब अमीरात का हाथ है। वाशिंगटन पोस्ट ने अपनी खबर में उक्त बात कही है। कतर ने यूएई द्वारा कथित वेबसाइट हैकिंग को दुर्भाग्यपूर्ण और कानून का उल्लंघन करार दिया है।
वाशिंगटन पोस्ट की खबर के मुताबिक, यूएई ने एक फर्जी खबर फ्लांट की जिसके कारण कतर और अन्य अरब देशों के बीच संकट शुरू हो गया। हालांकि वाशिंगटन स्थित अमीरात के दूतावास ने तुरंत खबर को 'फर्जी' बताते हुए खारिज कर दिया। एक बयान में कहा गया, 'कतर की वेबसाइट हैकिंग में संयुक्त अरब अमीरात की कोई भूमिका नहीं है।
अखबार ने अनाम अमेरिकी खु्फिया अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि अमीरात सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने 23 मई को इस हैकिंग योजना पर चर्चा की थी। एक दिन बाद, 24 मई को कतर के संवाद समिति की वेबसाइट पर एक खबर थी, जिसमें कतर के अमीर का भाषण था। भाषण में उन्होंने इराक और ईरान की कथित रूप से प्रशंसा की थी। एजेंसी ने दावा किया था कि उसी वेबसाइट हैक की गयी है। लेकिन सऊदी अरब, यूएई और अन्य अरब देशों ने कतर मीडिया को ब्लॉक कर दिया और बाद में देश के साथ अपने सभी कूटनीतिक संबंध तोड़ लिये।
कतर के सरकारी संचार कार्यालय के प्रमुख शेख सैफ बिन अहमद अल थानी ने कहा, 'यह विशेषरूप से दुर्भाग्यपूर्ण है कि खासतौर पर साइबर आतंकवाद का यह शर्मनाक कृत्य गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल के एक साथी सदस्य द्वारा किया जा रहा है। यह आपराधिक कृत्य स्पष्ट तौर पर अंतरराष्ट्रीय कानून का अतिक्रमण और गठिया सहयोग परिषद के सदस्यों के बीच हस्ताक्षरित द्विपक्षीय और सामूहिक समझौतों का उल्लंघन करता है। साथ ही अरब लीग, इस्लामी सहयोग संगठन और संयुक्त राष्ट्र के साथ सामूहिक समझौते को भी तोड़ता है।'
इसके साथ ही शेख सैफ ने कहा कि कतर सरकार इस पूरे मामले की जांच करवा रही है। इसमें जो कोई भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह भी पढ़ें: जिन अरब देशों को कतर से है ऐतराज, उससे ही अमेरिका ने की डील