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मैं मक्‍खन नहीं, पत्‍थर पर लकीर खींचना जानता हूं: मोदी

तीन देशों की यात्रा के आखिरी पड़ाव में दक्षिण कोरिया पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां आज भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया। उन्‍होंने कहा कि रविंद्रनाथ टैगोर ने कोरिया को लैंप ऑफ ईस्‍ट कहा था। हमारी पॉलिसी है, एक्‍ट ईस्‍ट पॉलिसी। उन्‍होंने कहा कि 21वीं सदी में भारत

By anand rajEdited By: Published: Mon, 18 May 2015 07:55 AM (IST)Updated: Mon, 18 May 2015 02:15 PM (IST)
मैं मक्‍खन नहीं, पत्‍थर पर लकीर खींचना जानता हूं: मोदी

सियोल। तीन देशों की यात्रा के आखिरी पड़ाव में दक्षिण कोरिया पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां आज भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि रविंद्रनाथ टैगोर ने कोरिया को लैंप ऑफ ईस्ट कहा था। हमारी पॉलिसी है, एक्ट ईस्ट पॉलिसी। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में भारत के सूर्योदय की बात होती है। 10 साल में दुनिया के स्वर बदल गए थे। लेकिन पिछले एक वर्ष में दुनिया का नजरिया बदल गया। भारत को लेकर मूड बदला है...विचार बदला है। आज लोग भारत में आने के लिए तैयार बैठे हैं।

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पीएम मोदी ने कहा कि 1925-30 में कोरिया आज जैसा नहीं था। लेकिन कठिन परिश्रम के बाद इसने 25-30 साल में अपने आप काे बदला। जिस तरह यहां टेक्नोलॉजी क्रांति आई हिंदुस्तान में भी आएगी। उन्हाेंने कहा कि सदियों पहले अयोध्या राजघराने की बेटी सूर्यरत्ना कोरिया आईं। उनकी शादी राजकुमार किम से हुई थी। किंग लिखने वाले लोग भारत से नाता रखने पर गर्व महसूस करते हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि रास्ता कठिन है...तत्कालीन राजनीतिक लाभ दूर है। हर काम राजनीतिक लाभ-हानि के लिए नहीं हो सकता। मैं मक्खन पर नहीं पत्थर पर लकीर खींचना जानता हूं। उन्होंने कहा कि चीन ने तरक्की की। 30 सालों तक उसका विकास दर 10 फीसद रहा। कोरिया ने 25-30 सालों में अपने आप काे बदल लिया। इसलिए हर समस्य की जड़ी-बूटी है विकास। विकास करने का मतलब है सामान्य मानविकी के जीवन में सुधार लाना।

पीएम ने कहा कि मां-बहनों को टॉयलेट के लिए बाहर जाना पड़ता है, क्या यह अच्छी बात है। मैं इसे बदलना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि सरकारी दफ्तर में समय पर आना खबर बनती थी। कार्यक्रम देर से शुरू होने पर कहते हैं इंडियन टाइम। मां वक्त पर खाना खिलाने पर ट्वीट करती है क्या। मैं देश के काम आ रहूं या नहीं, यह मायने रखता। मैं 125 करोड़ लोगों में भक्ति जगाने का काम कर रहा हूं।

मोदी ने कहा कि भारत की नई विदेश नीति ही हमें आगे बढ़ाएगा। मानवता हमारी विदेश नीति का मूल मंत्र है। सार्क देशों से संबंध नई ऊंचाइयों पर हैं। यदि ब्रिक्स से आइ हट जाएगा तो इसकी प्रासंगिकता समाप्त हो जाएगी। संबंधों का ही नतीजा है कि श्रीलंका में मौत की सजा पाए पांच मछुआरों को वापस लाया जा सका। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश से सीमा विवाद खत्म हुआ, यमन से 12 पाकिस्तानियों समेत 48 देशों के नागरिकों को बचाया, मालदीव में पीने के पानी का संकट हुआ तो हमने जहाज से पानी भेजा। नेपाल में त्रासदी आई तो आंसू पोंछने के लिए हम दौड़ पड़े। दुनिया को सही रास्ता दिखाना भारत का दायित्व है और हम उस राह पर चल पड़े हैं।

भारतीयों को संबोधित करने के बाद पीएम मोदी का दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने स्वागत किया। दाेनों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत हुई और इसके बाद कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। दोनों देशों के बीच साझा बयान भी जारी होगा। इसके अलावा पीएम मोदी वहां यूएन महासचिव वान की मून से भी मुलाकात करेंगे।

इससे पहले पीएम मोदी आज सुबह दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल पहुंचे। यहां पहुंचने पर उनका पूरे राजकीय सम्मान के साथ भव्य स्वागत किया गया। इस मौके पर दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री समेत कई बड़े अधिकारी हवाई अड्डे पर मौजूद थे। पीएम मोदी का हवाई अड्डे पर स्वागत के लिए बड़ी संख्या में भारतीय मौजूद थे। यहां भी पीएम मोदी ने भारतीयों को निराश नहीं किया और सबसे हाथ मिलाया।

इसके बाद पीएम ने राष्ट्रीय शहीद स्थल पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। यहां उन्होंने विजिटर बुक में लिखा- मैं कोरिया के उन वीर शहीदों को नमन करता हूं जिनके बलिदान ने इस महान देश को हान 'नदी का करिशमा' बनाया और 'पूर्व के उजाला' के रूप में पुन: स्थापित किया। साथ ही, भारत के 60वीं फील्ड हॉस्पिटल रक्षक दल के वीर जवानों के बलिदान को भी मेरा शत शत नमन जो कोरिया युद्ध के दौरान और उसके पश्चात युद्धविराम में तैनात किए गए थे। उनका बलिदान हमारे दो देशों के बीच बने स्थायी भातृत्व का एक अप्रतिम साक्ष्य है।

द कोरिया में मोदी का भव्य स्वागत, देखें तस्वीरें


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