फ्रांस में आतंकी हमले के बाद ब्रिटेन में मोदी की दो टूक, आतंकवाद को परिभाषित करे संयुक्त राष्ट्र
ब्रिटेन दौरे पर गए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुए जघन्य आतंकी हमले को मानवता के खिलाफ बताते हुए साफ कर दिया कि संयुक्त राष्ट्र को अब आतंक को परिभाषित करना ही होगा।
लंदन। ब्रिटेन दौरे पर गए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुए जघन्य आतंकी हमले को मानवता के खिलाफ बताते हुए साफ कर दिया कि संयुक्त राष्ट्र को अब आतंक को परिभाषित करना ही होगा। मोदी ने कहा कि ये हमला सिर्फ फ्रांस के ऊपर ही नहीं बल्कि मानवता के खिलाफ हमला है। अगर इसे संयुक्त राष्ट्र की तरफ से एक बार परिभाषित कर दिया जाता है तब हम ये जान पाएंगे कि कौन आतंक का भरण पोषण कर रहा है, कौन इसके मददगार हैं और कौन इसके पीड़ित हैं।
फ्रांस की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए मोदी ने कहा कि ये अब वक्त की मांग है कि मानवतावादी ताकतें ऐसी घटनाओँ के खिलाफ मिलकर लड़ें।
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अपने ब्रिटेन दौरे के आखिरी दिन मोदी ने लंदन में बसवेश्वर की मूर्ति का अनावरण भी किया। इस मौके पर मोदी ने कहा कि उन्हें ये पवित्र कार्य करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। मोदी ने बताया कि बसवेश्वर लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया था।
बसवेश्वर की मूर्ति का अनावरण करते हुए मोदी
उन्होंने कहा कि अब्राहम लिंकन से भी करीब सात सौ साल पहले भगवान बसवेश्वर ने लोकतंत्र के विचार को आगे बढ़ाया था।
मोदी ने की लॉर्ड स्वराज पॉल और जेरेमी कॉर्बिन से मुलाकात
ब्रिटेन दौरे के आखिरी दिन शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिटेन में विपक्षी दल और लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन से मुलाकात की। इसके बाद मोदी ने मशहूर उद्योगपति और अप्रवासी भारतीय लॉर्ड स्वराज पॉल से भी अपने इस दौरे में भेंट की।
गौरतलब है कि ब्रिटेन आधारित कैपेरो समूह के चेयरमैन स्वराज पॉल ने कुछ दिन पहले ही मोदी की तारीफ कर कहा था कि उन्होंने भारत का मान सम्मान दुनिया में बढ़ाया है जिसके चलते आज भारत मुख्य आकर्षण का केन्द्र बन गया है।
पीएम मोदी का ये दौरा भारत-ब्रिटेन के संबंधों के बीच ऐतिहासिक माना जा रहा है। इस दौरे में मोदी और डेविड कैमरून के बीच रक्षा, विज्ञान और तकनीक समेत कई क्षेत्रों में आपसी सहयोग को लेकर दस्तखत किए गए हैं।
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मोदी ने अपने इस दौरे में जहां एक तरफ निवेशकों को रिझाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ा तो वहीं दूसरी तरफ उन्होंने भारत-ब्रिटने पर हुए असैन्य करार के बाद साफ कर दिया कि ये दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास का नतीजा है। मोदी ने ये भी कहा कि दोनों देश आर्थिक तौर पर एक दूसरे के लिए ही बने है जिसे दोनों देशों के उद्योगपतियों को ही आगे लेकर जाना होगा।
मोदी लगातार अपने दौरे में अप्रवासी भारतीय को भारत में निवेश करने पर जोर देते रहे हैं। ऐसे में लॉर्ड स्वराज पॉल के साथ मोदी की मुलाकात भी काफी अहमियत रखती है।
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