अब जरदारी पर लटकी अवमानना की तलवार
अदालत की अवमानना के मामले में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी की कुर्सी जाने के बाद अब राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी पर भी अवमानना की तलवार लटक रही है। लाहौर हाईकोर्ट ने जरदारी से कह दिया है कि वे या तो राजनीति छोड़ें या अदालत की अवमानना का मामला झेलने को तैयार रहें।
इस्लामाबाद। अदालत की अवमानना के मामले में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी की कुर्सी जाने के बाद अब राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी पर भी अवमानना की तलवार लटक रही है। लाहौर हाईकोर्ट ने जरदारी से कह दिया है कि वे या तो राजनीति छोड़ें या अदालत की अवमानना का मामला झेलने को तैयार रहें। कोर्ट ने इसके लिए उन्हें पाच सितंबर तक का समय दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि इस संबंध में जरदारी को अदालत का पिछला आदेश मानना होगा। जरदारी राष्ट्रपति होने के साथ-साथ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष भी हैं। अदालत उन्हें यह आदेश दे चुकी है कि उन्हें बतौर राष्ट्रपति उन्हें पीपीपी के अध्यक्ष का पद छोड़ना होगा।
कोर्ट ने कहा है कि जरदारी राष्ट्रपति पद का राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल बंद करें। जरदारी के पीपीपी अध्यक्ष पद न छोड़े जाने पर उनके खिलाफ दो याचिकाएं दायर की गई थीं। इस पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने यह फैसला सुनाया।
जस्टिस बंदियाल ने कहा, 'अदालत राष्ट्रपति के लिए एक आदेश जारी कर रही है। इसके अनुसार उन्हें लाहौर हाईकोर्ट का पिछला आदेश मानना पड़ेगा। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला चलाया जाएगा।' हाईकोर्ट ने पिछले साल 12 मई को राष्ट्रपति को पीपीपी के अध्यक्ष पद से जल्द से जल्द हटने को कहा था। इससे पहले उनसे कहा गया था कि दो पदों में कोई एक छोड़ दें।
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