पाक ने मांगे मुंबई हमले के आरोपियों की आवाज के नमूने
पाकिस्तानी अभियोजकों ने लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकीउर रहमान लखवी समेत सात आरोपियों की आवाज के नमूने प्राप्त करने के लिए अदालत से अनुमति मांगी है। मुंबई पर वर्ष 200
इस्लामाबाद। पाकिस्तानी अभियोजकों ने लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकीउर रहमान लखवी समेत सात आरोपियों की आवाज के नमूने प्राप्त करने के लिए अदालत से अनुमति मांगी है। मुंबई पर वर्ष 2008 में आतंकवादी हमले कराने के आरोपों में सातों के खिलाफ अदालत में सुनवाई चल रही है। संघीय जांच एजेंसी (एफआइए) के विशेष अभियोजक जुल्फिकार अली ने इस संबंध में याचिका दायर की है, जिसे इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को नियमित सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया।
अभियोजकों ने एक अन्य याचिका दायर करके संदिग्ध भारतीय आतंकी फहीम अंसारी को भगोड़ा घोषित करने का अदालत से अनुरोध किया है। दो सदस्यीय न्यायाधीशों की पीठ ने एफआइए की याचिका पर सातों आरोपियों को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। एफआइए लंबे समय से इन सातों आरोपियों की आवाज के नमूने की मांग कर रहा है। ताकि उनका भारत की ओर से उपलब्ध कराई गई रिकार्डिग से तुलनात्मक अध्ययन किया जा सके। इस रिकार्डिग में मुंबई में हमलावरों और कराची में नियंत्रण कक्ष में बैठे उनके आकाओं के बीच की बातचीत शामिल है।
इससे पहले सातों आरोपियों के वकीलों ने पाकिस्तान के मौजूदा आतंकवाद निरोधी कानून की खामियों का फायदा उठाते हुए उनके आवाज के नमूनों को देने से रोका था। विशेष अभियोजक अली ने कहा कि भारतीय अधिकारियों की ओर से दी गई रिकार्डिग की सत्यता जानने के लिए आवाज के नमूनों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अगर आवाज के नमूनों को नजरअंदाज किया जाता है तो अभियोजन पक्ष आरोपियों को दोषी साबित नहीं कर सकता।
दूसरी याचिका में एफआइए के अभियोजक चौधरी अजहर ने हाई कोर्ट से मुंबई हमलों में भारतीय आरोपी फहीम अंसारी को भगोड़ा घोषित करने के लिए कहा। मुंबई की एक अदालत ने मुंबई हमले (26/11 ) मामले में अंसारी को बरी किया था, लेकिन वह अन्य अपराधों के लिए जेल में बंद है। अजहर ने दलील दी कि अंसारी को पाकिस्तानी आतंकियों ने प्रशिक्षण दिया और मुंबई हमले के लिए भारत भेजा।
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