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पाकिस्तान ने शीर्ष तालिबान नेता बरादर को किया रिहा

इस्लामाबाद। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए पाकिस्तान ने शनिवार को अफगान तालिबान के पूर्व उप कमांडर अब्दुल गनी बरादर को रिहा कर दिया। करजई सरकार उसकी रिहाई के लिए पाकिस्तान पर दबाव बना रही थी। उसका मानना है कि इससे युद्ध प्रभावित देश में शांति प्रक्रिया को आगे बढ

By Edited By: Published: Sat, 21 Sep 2013 05:15 PM (IST)Updated: Sat, 21 Sep 2013 05:17 PM (IST)

इस्लामाबाद। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए पाकिस्तान ने शनिवार को अफगान तालिबान के पूर्व उप कमांडर अब्दुल गनी बरादर को रिहा कर दिया। करजई सरकार उसकी रिहाई के लिए पाकिस्तान पर दबाव बना रही थी। उसका मानना है कि इससे युद्ध प्रभावित देश में शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

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मुल्ला को अन्य कैदियों की तरह किसी दूसरे देश को नहीं सौंपा जाएगा। उसे पाकिस्तान के भीतर रिहा किया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उसे सुरक्षा प्रदान की जाएगी और उसे यह स्वतंत्रता होगी वह जिस किसी से चाहे मिल सकता है या बातचीत कर सकता है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अफगान सुलह प्रक्रिया को बढ़ाने के मद्देनजर शुक्रवार को उसकी रिहाई की घोषणा की थी। बरादर को 2010 में कराची से गिरफ्तार किया गया था। वह रिहा होने वाला अब तक का सर्वोच्च अफगान तालिबान कैदी है। वैसे, पिछले साल से अब तक इस्लामाबाद 33 अफगान तालिबान कमांडर को रिहा कर चुका है, लेकिन बरादर की रिहाई काफी समय से अपेक्षित थी। पिछले महीने इस्लामाबाद की यात्रा पर आए करजई ने उसकी रिहाई की निजी तौर पर अपील की थी।

हालांकि, विश्लेषकों में इस बात को लेकर संदेह है कि बरादर शांति प्रक्रिया को प्रभावित कर पाएगा, लेकिन अफगान सरकार का मानना है कि वह उच्च शांति परिषद से वार्ता का नेतृत्व कर सकता है। काबुल का मानना है कि बरादर लंबित पड़ी शांति वार्ता को शुरू कर सकता है क्योंकि 2014 के अंत तक नाटो सेना अफगानिस्तान से पूरी तरह हटने की योजना पर काम कर रही है और सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं।

कौन हैं बरादर : - अब्दुल गनी बरादर को कभी तालिबान प्रमुख मुल्ला मुहम्मद उमर के बाद संगठन में सबसे प्रभावशाली माना जाता था।

- 1996 में तालिबान के सत्ता में आने पर वह उपरक्षा मंत्री बना था।

- अमेरिका द्वारा 2001 में अफगानिस्तान पर हमला करने के बाद सैकड़ों तालिबान लड़ाके पाकिस्तान भाग गए थे, बरादर भी उनमें शामिल था।

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