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नौसेना को 2020 से शुरु हो जाएगी नए पी-8आइ की डिलीवरी

भारत ने समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए उसकी निगरानी की जरूरत को देखते हुए इसी साल जुलाई में इन जहाजों के लिए बोईंग के साथ सौदे पर हस्ताक्षर किए थे।

By Manish NegiEdited By: Published: Tue, 15 Nov 2016 07:46 PM (IST)Updated: Tue, 15 Nov 2016 08:08 PM (IST)

नितिन प्रधान, सिएटल। समुद्री सीमाओं की निगरानी के लिए आर्डर किए गए चार अत्याधुनिक पोसाइडन-8आइ यानी पी-8आइ की डिलीवरी साल 2020 से शुरु हो जाएगी। इसी साल चार में से पहला जहाज भारत पहुंचने की उम्मीद है। बाकी तीन की डिलीवरी भी इसके अगले वर्ष 2021 तक पूरी हो जाने की उम्मीद है।

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भारत ने समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए उसकी निगरानी की जरूरत को देखते हुए इसी साल जुलाई में इन जहाजों के लिए बोईंग के साथ सौदे पर हस्ताक्षर किए थे। इससे पहले भारत बोईंग से ही आठ पी-8आइ खरीद चुका था। इन आठों जहाजों के लिए साल 2009 में सौदा हुआ था। भारत उस वक्त अमेरिकी नौसेना के बाद पहला देश था जिसने यह जहाज खरीदे थे। उसके बाद आस्ट्रेलिया भी अपनी नौसेना के लिए पी-8 खरीद चुका है।

नए जहाजों की डिलीवरी के बाद भारतीय नौसेना के पास कुल 12 पी-8आइ हो जाएंगे। माना जाता है कि भारत को अपनी पूरी समुद्री सीमाओं की निगरानी के लिए कम से कम 26 से 28 ऐसे जहाजों की आवश्यकता है। इसलिए भारतीय नौसेना इनकी संख्या आगे चलकर और बढ़ा भी सकती है। बताया जाता है कि इन चार विमानों का सौदा एक अरब डालर में हुआ है।

बोईंग का यह जहाज बी-737 यात्री जहाज के ढांचे पर तैयार किया गया है। इस अत्याधुनिक विमान में निगरानी के साथ साथ अपनी रक्षा और बचाव की भी व्यवस्था की गई है। इसके डिजाइन और उपकरणों को लेकर अमेरिकी नौसेना ने काफी काम किया है और उसी के आधार पर इसका निर्माण किया जा रहा है।

पी-8आइ में हारपून, जमीन से हवा और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को ढोने और मार करने की क्षमता है। इसमें कुल मिलाकर नौ स्टेशन बनाए गए हैं जहां हथियार ले जाए जा सकते हैं। इनमें चार पंखों पर और पांच जहाज की बॉडी के नीचे फिट किए जा सकते हैं। पी-8आइ में इंजन बोईंग 737 का ही लगाया गया है लेकिन अतिरिक्त ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए जेनरेटर भी फिट किया गया है।

यहां बोईंग के पी-8 परियोजना से जुड़े बोईंग मिलीटरी एयरक्त्राफ्ट के चीफ इंजीनियर मार्क जॉर्डन ने बताया कि इस जहाज में एंटी सबमैरीन वारफेयर भी ले जाए जा सकते हैं। इस जहाज को इस तरह डिजाइन किया गया है कि इसे आपदा प्रबंधन और अन्य मानवीय आपदाओं के दौरान राहत के लिए भी इस्तेमाल लायक बनाया जा सकता है। सभी तरह के मौसम और ऊंचाई पर इस्तेमाल में सक्षम पी-8आइ ईंधन की दिक्कत होने पर हवा में रहते हुए ही ईंधन ले सकता है। इस जहाज के संचालन के लिए कुल नौ लोगों की आवश्यकता होती है। इनमें दो पायलट, दो आब्जर्वर और पांच वेपन (हथियार) आपरेटर शामिल हैं। इन आपरेटरों के लिए जहाज में अत्याधुनिक आपरेशन कंट्रोल पैनल की व्यवस्था है।

पी-8 की काबिलियत का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिकी नौसेना ऐसे 117 जहाजों की आवश्यकता बता चुकी है। अभी तक बोईंग से अमेरिकी नौसेना 80 पी-8 खरीदने का सौदा कर चुकी है जिनमें से 47 की डिलीवरी की जा चुकी है। इसके अलावा आस्ट्रेलिया की नौसेना भी इनका इस्तेमाल कर रही है। भारतीय नौसेना ने अपने पी-8आइ की तैनाती फिलहाल हिंद महासागर में कर रखी है। हिंद महासागर में चीन की तरफ से बढ़ती नौसेनिक गतिविधियों के लिहाज से यह क्षेत्र भारतीय नौसेना के लिए काफी संवेदनशील माना जाता है।

अमेरिका से 6700 करोड़ की कीमत वाले चार P-8I खरीदेगा भारत


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