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अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में अलग-थलग पड़ा पाक, ओबामा ने लगाई फटकार

उड़ी में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान चौतरफा घिरता दिखाई दे रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी हमले को लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधा।

By Manish NegiEdited By: Published: Wed, 21 Sep 2016 12:04 AM (IST)Updated: Wed, 21 Sep 2016 10:04 AM (IST)

नई दिल्ली, (जागरण न्यूज नेटवर्क)। उड़ी हमले के बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में अलग-थलग करने में भारत को सफलता मिलने लगी है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान का नाम लिए बिना उस पर करारा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि जो देश छद्म युद्ध में लगे हैं, उन्हें इसे बंद करना होगा। उन्होंने इससे पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मिलने से भी इन्कार कर दिया था।

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उधर, दक्षिण एशियाई देशों में भी पाकिस्तान को खोजने से भी दोस्त मिलना मुश्किल हो रहा है। अफगानिस्तान और भारत संयुक्त तौर पर नवंबर में इस्लामाबाद में होने वाली सार्क शिखर बैठक का भी बायकाट करने जा रहे हैं। हमले के बाद पूरे क्षेत्र में जिस तरह तनाव बढ़ा है उससे बांग्लादेश, अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान सब चिंतित हैं और इसके लिए पाकिस्तान को दोषी मान रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासभा के अपने आठवें और आखिरी संबोधन में मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने बढ़ते आतंकवाद पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने पाकिस्तान का सीधे-सीधे नाम तो नहीं लिया, लेकिन छद्म युद्ध का जिक्र करते हुए कड़े शब्दों में कहा कि देश इसे बंद करें। इससे विभिन्न क्षेत्रों में अशांति और अस्थिरता बढ़ रही है।

सार्क सम्मेलन का बहिष्कार कर सकते हैं बांग्लादेश-अफगानिस्तान और भारत

गौरतलब है कि पाकिस्तान की ओर से जारी छद्म युद्ध की बात अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत हमेशा उठाता रहा है। ओबामा ने अपनी आठ साल की उपलब्धियों में आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकानों के खात्मे को भी गिनाया। हालांकि ओबामा ने माना कि धार्मिक कट्टरता से मध्य पूर्व अस्थिर हुआ है और यही कट्टरता अन्य स्थानों में फैल रही है।

इससे पहले, अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उड़ी हमले को देखते हुए नवाज शरीफ से द्विपक्षीय बैठक का प्रस्ताव ठुकराया दिया। इसके बाद न्यूयार्क में विदेश मंत्री जॉन केरी ने नवाज शरीफ से मुलाकात की। शरीफ ने भारत-पाक के द्विपक्षीय मुद्दों को सुलझाने के लिए मदद मांगी लेकिन केरी ने दो टूक कहा कि वह पाकिस्तानी जमीन को आतंकियों की जन्नत न बनने दें। केरी ने पाकिस्तान से उन आतंकी संगठनों के खिलाफ भी प्रभावी तरीका अपनाने को कहा है जो उसके यहां शरण लेते हैं।

अफगानिस्तान, बांग्लादेश भी साथ

उड़ी हमले के बाद सार्क शिखर बैठक की बची-खुची संभावना भी खत्म हो चुकी है। इस हमले के बाद पूरे क्षेत्र में जिस तरह तनाव बढ़ा है उससे बांग्लादेश, अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान सब चिंतित हैं। भारत, अफगानिस्तान और बांग्लादेश दक्षिण एशिया में जारी हिंसा के लिए पाकिस्तान को सीधे तौर पर दोषी ठहरा रहे हैं। बांग्लादेश ने तो पिछले महीने सार्क गृह मंत्रियों की बैठक में भी अपने गृह मंत्री को नहीं भेजा था। अब भारत और अफगानिस्तान मिलकर सार्क शिखर बैठक में हिस्सा नहीं लेने का फैसला कर सकते हैं।

बिम्सटेक को आगे बढ़ाएगा भारत

दक्षिण एशिया के देशों को बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टर टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन (बिम्सटेक) के जरिए चीन, रूस व भारत जैसी अर्थ व्यवस्थाओं से जुड़ने का मौका देकर पाकिस्तान को दक्षिण एशिया में हाशिये में डाला जा सकता है। लिहाजा, भारत आने वाले दिनों में अपने साथ बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल और भूटान को मिला कर गठित समूह बिम्सटेक को अब ज्यादा बढ़ावा देगा। इसीलिए अक्टूबर में गोवा में होने वाली ब्रिक्स देशों की शिखर बैठक के साथ ही बिम्सटेक की बैठक बुलाई है। इसमें इन सभी देशों के प्रधानमंत्रियों को आमंत्रित किया गया है।

पाक के साथ सिर्फ ओआइसी

पाकिस्तान को ले देकर अब सिर्फ इस्लामिक देशों के संगठन ओआइसी से कुछ समर्थन मिल रहा है। लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय के सूत्र इसे खास तवज्जो नहीं दे रहे। इनका कहना है कि पहले भी ओआइसी की बैठक में ऐसे बयान जारी हुए पर किसी भी देश ने व्यक्तिगत स्तर पर भारत से ऐसी कोई बात नहीं की। ओआइसी में ज्यादा प्रभावशाली देश सऊदी अरब और ईरान के साथ भारत के रिश्ते सबसे अच्छे हैं। ईरान और सऊदी अरब ने भारत को जिस तरह समर्थन देना शुरू किया है उससे पाकिस्तान परेशान है।

ये भी हमारे साथ

हम कश्मीर के उड़ी सेक्टर में भारत के सैन्य ठिकाने पर आतंकी हमले की निंदा करते हैं। भारत के साथ अपनी संवेदना जताते हैं और उसे आतंकवाद को मिटाने में हर तरह की मदद देने को तैयार हैं।

-संयुक्त अरब अमीरात (यूएई)

उड़ी में भारतीय सेना के प्रतिष्ठान पर हुए हमले में हम निंदा करते हैं।

-सऊदी अरब

हम भारत को आतंकवाद मिटाने में हर मदद देने को तैयार हैं। हम आतंकवाद को पूरे जड़ से नष्ट करने का आह्वान करते हैं।

-बहरीन

हम आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ हैं।

-जापान

भारत हमारा रणनीतिक साझीदार है। हम लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्ब-उल-मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं जो भारत पर हमला कर रहे हैं।

-फ्रांस

उड़ी में फिर हुआ सीजफायर का उल्लंघन, भारतीय सेना ने मार गिराये 11 आतंकी


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