म्यांमार में विद्रोहियों पर हवाई हमले
यंगून। म्यांमार की सेना ने देश के उत्तर में विद्रोहियों पर हवाई हमले किए हैं। इसके साथ ही देश में सुधारों को लेकर संदेह गहरा गया है।
यंगून। म्यांमार की सेना ने देश के उत्तार में विद्रोहियों पर हवाई हमले किए हैं। इसके साथ ही देश में सुधारों को लेकर संदेह गहरा गया है।
दोनों पक्षों के बीच शांति का प्रयास कर रहे एक सरकारी वार्ताकार ने कहा कि सेना द्वारा अपने एक अड्डे पर पुन: कब्जा कर लेने के बाद काचिन स्वतंत्र संगठन [केआइओ] की सशस्त्र विंग और सेना के बीच भीषण संघर्ष छिड़ गया है। राष्ट्रपति थेन सेन के सलाहकार हिया मांग श्वे ने कहा कि विद्रोहियों को पीछे धकेलने के लिए सेना ने हेलीकॉप्टरों और लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया। उन्होंने हवाई हमले के बारे में विस्तार से नहीं बताया, लेकिन सेना की समाचार साइट ने कहा कि 30 दिसंबर को इस हमले के बाद विद्रोहियों के कब्जे से एक प्रमुख अड्डा मुक्त करा लिया गया।
पिछले साल जून में सरकार और काचिन विद्रोहियों के बीच 17 साल से चला आ रहा युद्धविराम टूटने के बाद से दसियों हजार लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। विद्रोही ज्यादा राजनीतिक अधिकार देने और सेना द्वारा मानवाधिकारों का कथित हनन रोकने की मांग कर रहे हैं। केआइओ के विदेश मामलों के उप प्रमुख कर्नल जेम्स लुम दाउ ने कहा कि पिछले सप्ताह से संघर्ष और तेज हो गया है। विद्रोही चीन की सीमा से लगे अपने मुख्यालय लाइजा से 11 किमी इलाके में अपना ध्यान केंद्रित किए हुए हैं।
उन्होंने कहा कि सेना ने पहले हेलीकॉप्टरों और फिर युद्धक विमानों से विद्रोहियों पर मिसाइलें और बम बरसाए। एक पर्यवेक्षक ने कहा कि सेना हेलीकॉप्टरों और भारी तोपखाने से विद्रोहियों पर जोरदार हमले कर रही है और केआइओ के मुख्यालय के करीब पहुंच गई है। 1948 में ब्रिटेन के कब्जे से आजाद होने के बाद से ही देश के कई हिस्सों में विद्रोही गतिविधियां चल रही हैं। म्यांमार की अर्ध नागरिक सरकार ने अन्य बड़े जातीय समूहों के साथ तो संघर्ष विराम कर लिया, लेकिन काचिन मामले में ज्यादा प्रगति नहीं कर सकी।
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