भारत-पाक के बीच युद्ध भड़काने को हुआ था मुंबई हमला
अमेरिका के आतंकवाद विरोधी विशेषज्ञ ब्रूस रीडेल ने कहा है कि लश्कर-ए-तैयबा द्वारा मुंबई पर किया गया हमला दक्षिण एशिया के भविष्य को बदलने के लिए था। उनका कहना है कि लश्कर ने संभवत: परमाणु हथियार रखने वाले भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध भड़काने के इरादे से इस हमले को अंजाम दिया था।
वाशिंगटन। अमेरिका के आतंकवाद विरोधी विशेषज्ञ ब्रूस रीडेल ने कहा है कि लश्कर-ए-तैयबा द्वारा मुंबई पर किया गया हमला दक्षिण एशिया के भविष्य को बदलने के लिए था। उनका कहना है कि लश्कर ने संभवत: परमाणु हथियार रखने वाले भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध भड़काने के इरादे से इस हमले को अंजाम दिया था।
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अमेरिकी अखबार द डेली बीस्ट में ब्रूकिंग इंस्टीट्यूट में इंटेलीजेंस प्रोजेक्ट के निदेशक रीडेल ने लिखा, लश्कर ने सावधानीपूर्वक लक्ष्यों का चयन किया था। उसने इसे लेकर कई वर्षो तक शोध किया था। हमले के लिए उसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ और अलकायदा से मदद मिली। उन्होंने मुंबई हमले [26/11] को न्यूयॉर्क में 2001 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला बताया। रीडेल ने लिखा निशाना वही थे-भारतीय, अमेरिकी और यहूदी, जिन्हें अलकायदा ने पिछली सदी के आखिरी दशक में अपने वैश्रि्वक जिहाद के समय से ही निशाने पर ले रखा था। इस बारे में मैंने राष्ट्रपति निर्वाचित होने वाले बराक ओबामा को भी बताया था। रीडेल के मुताबिक मुंबई हमले को लेकर सबसे हैरत में डालने वाली घटना पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक डेविड हेडली की भूमिका थी। हेडली ने मार्च, 2010 में मुंबई हमले को लेकर अपना जुर्म कबूल कर लिया था। रीडेल ने लिखा है कि हेडली ने लश्कर और आइएसआइ से हथियारों और खुफिया निगरानी के प्रशिक्षण के लिए पांच बार पाकिस्तान जाने की बात कबूली। उसने अलकायदा से भी संपर्क स्थापित किया था। उन्होंने लिखा, मुंबई हमले का मास्टरमांइड लश्कर प्रमुख हाफिज सईद पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहा है जहां वह आइएसआइ का प्रिय बना हुआ है। वह भारत और अमेरिका पर और हमले का आह्वान कर रहा है। मुंबई हमले के पांच साल बाद भी इंसाफ होना बाकी है।
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