नेपाल में चीन कर रहा सर्वाधिक निवेश, भारत दूसरे स्थान पर
मधेशियों के आंदोलन के बाद से ही भारत-नेपाल के रिश्ते में आई खटास दूर नहीं हो सकी है।
काठमांडू, आइएएनएस। चीन ने अब हिमालय की तराई में बसे देश नेपाल को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) के जरिए आकर्षित करना शुरू किया है। दरअसल मधेशियों के आंदोलन के बाद से ही भारत-नेपाल के रिश्ते में आई खटास दूर नहीं हो सकी है। इसी का चीन फायदा उठा रहा है।
नेपाल के उद्योग विभाग ने मध्य जुलाई में समाप्त हुए बीते वित्तीय वर्ष का लेखाजोखा पेश किया है। इसके मुताबिक 2016-17 के दौरान चीन ने निवेश की अपनी प्रतिबद्धताओं में पहले की अपेक्षा अधिक बढ़ोतरी की है। इस दौरान चीन ने पांच अरब 22 करोड़ रुपये जबकि भारत ने एक अरब 24 करोड़ और दक्षिण कोरिया ने एक अरब 17 रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया।
नेपाली उद्योगपति भोलानाथ पाठक कहते हैं कि नेपाल में विदेशी निवेश में हो रही बढ़ोतरी से आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए क्योंकि चीन पूरी दुनिया में निवेश कर रहा है। नेपाल-चीन सीमेंट परियोजना होंगशी शिवम के संयोजक ने बताया कि नेपाल में गत मार्च महीने में हुए निवेश सम्मेलन के दौरान चीनी निवेशकों ने अन्य देशों के निवेशकों की तुलना में सबसे ज्यादा रकम उपलब्ध कराने की बात कही।