ईसाई दंपती को जिंदा जलाने वाले मौलवी को मौत की सजा
गौरतलब है कि नवंबर 2014 में कसूर जिले के कोट राधा किशन इलाके में हिंसक भीड़ ने शहजाद और शमा को ईट भट्ठे में झोंककर जिंदा जला दिया था।
लाहौर, प्रेट्र : पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोप में ईसाई दंपती को जिंदा जलाने के मामले में बुधवार को पांच लोगों को मौत की सजा सुनाई गई। इनमें एक मौलवी भी है। लाहौर आतंकरोधी अदालत के न्यायाधीश चौधरी मुहम्मद आजम ने सजा सुनाई। मौत की सजा पाए सभी लोगों पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इनके अलावा आठ अन्य लोगों को दो साल कैद की सजा सुनाई गई है।
गौरतलब है कि नवंबर 2014 में कसूर जिले के कोट राधा किशन इलाके में हिंसक भीड़ ने शहजाद और शमा को ईट भट्ठे में झोंककर जिंदा जला दिया था। दंपती के तीन बच्चे थे और हत्या के वक्त शमा गर्भवती थी। आरोप-पत्र के अनुसार स्थानीय मस्जिद से एलान के बाद भीड़ इकट्ठा हुई थी।
मौलवी के नेतृत्व में करीब छह सौ मुसलमान उस भट्ठे पर पहुंचे जहां शहजाद और शमा मजदूरी करते थे। दोनों को उनके घर से खींचने के बाद भीड़ ने पहले प्रताडि़त किया और फिर भट्ठी में जिंदा फेंक दिया। खुद को बार-बार बेगुनाह बताने के बावजूद भीड़ में से किसी ने दंपती की मदद नहीं की। घटना के बाद भट्ठी से राख और दंपती की हड्डियां बरामद की गई थी।