गिरते रुपये ने तोड़ा सैकड़ों भारतीयों के हज का सपना
डॉलर के मुकाबले गिरती रुपये की कीमत ने सैकड़ों भारतीयों के हज का सपना तोड़ दिया है। मक्का में हजयात्रियों के लिए बने आवासीय ठिकानों के किराए पहले ही बढ़ गए हैं। ऐसे में भारतीयों को रहने-खाने से लेकर अन्य कामों के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है। इसीलिए भारतीय अपने नाम वापस ले रहे हैं। अरब न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार
दुबई। डॉलर के मुकाबले गिरती रुपये की कीमत ने सैकड़ों भारतीयों के हज का सपना तोड़ दिया है। मक्का में हजयात्रियों के लिए बने आवासीय ठिकानों के किराए पहले ही बढ़ गए हैं। ऐसे में भारतीयों को रहने-खाने से लेकर अन्य कामों के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है। इसीलिए भारतीय अपने नाम वापस ले रहे हैं।
अरब न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय हज समिति (सीएचसी) की सूची में होने के बावजूद हज करने वाले बहुत से भारतीयों ने अपने नाम वापस ले लिए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक नाम वापस लेने वालों में आंध्र प्रदेश के 400 से अधिक आवेदक शामिल हैं। इस वर्ष कुल 1,36,020 भारतीय हज पर जाने वाले थे। इनमें 1,23,511 को सीएचसी और 34,005 को निजी टूर ऑपरेटरों के जरिये हज पर जाना था।
भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए दो श्रेणियों में आवासीय सुविधा उपलब्ध थी। इनमें अजिजियाह है अपेक्षाकृत सस्ती है, जबकि ग्रीन कैटेगरी अत्यधिक महंगी है। इस वर्ष ग्रीन कैटेगरी के हज यात्रियों को 1,79,800 रुपये खर्च करने होंगे, जबकि पिछले वर्ष 1,64,905 रुपये ही खर्च किए थे। अजिजियाह श्रेणी के लोगों ने गत वर्ष 1,36,264 रुपये खर्च किए थे जबकि इस बार उन्हें 1,49,450 रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
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