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कुर्दो ने आइएस से मुक्त कराया मोसुल बांध

इराक के आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट [आइएस] पर भारी बमबारी के बीच इराकी कुर्द फौजों ने देश के सबसे बड़े बांध मोसुल को जिहादियों के कब्जे से मुक्त करा लिया है। इसे आइएस के खिलाफ इराक की अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। सीरिया में भी लड़ाकू विमानों ने आइएस के गढ़ और उनके कब्जे वाले दूसरे इलाकों पर बम बरसाए हैं। ब्रिटेन ने भी आइएस के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के संकेत दिए हैं।

By Edited By: Published: Mon, 18 Aug 2014 09:00 AM (IST)Updated: Mon, 18 Aug 2014 09:00 AM (IST)

बगदाद। इराक के आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट [आइएस] पर भारी बमबारी के बीच इराकी कुर्द फौजों ने देश के सबसे बड़े बांध मोसुल को जिहादियों के कब्जे से मुक्त करा लिया है। इसे आइएस के खिलाफ इराक की अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। सीरिया में भी लड़ाकू विमानों ने आइएस के गढ़ और उनके कब्जे वाले दूसरे इलाकों पर बम बरसाए हैं। ब्रिटेन ने भी आइएस के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के संकेत दिए हैं।

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अमेरिका ने आइएस आतंकियों पर रविवार को अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया, जिसमें करीब 11 आतंकी मारे गए। अमेरिकी हमलों के साथ कुर्द लड़ाके मोसुल की तरफ बढ़े और बांध पर कब्जा हासिल किया। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने कहा कि इन हमलों के लिए लड़ाकू विमानों के अलावा ड्रोन की मदद भी ली गई। अमेरिका की ओर से ये हमले मोसुल बांध को आतंकियों के कब्जे से छुड़ाने के लिए ही किए गए थे। इराकी सेना ने पहली बार कुर्द लड़ाकों के साथ हाथ मिलाया है। सेंट्रल कमांड ने कहा कि नौ हवाई हमलों में आतंकियों के चार वाहन, सात सशस्त्र वाहन, दो हम्वीस और एक बख्तरबंद गाड़ी नष्ट कर दी गई।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने इराक में सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी है। उन्होंने द संडे टेलीग्राफ में लिखा कि आइएस के आतंक को खत्म करने के लिए हम किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। वे अल्पसंख्यकों का कत्लेआम कर रहे हैं। हम इराक में शांति एवं स्थिरता के लिए सभी संसाधनों का इस्तेमाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

यजीदियों को कुर्द दे रहे हथियारों का प्रशिक्षण

कुर्द लड़ाकों ने यजीदी अल्पसंख्यकों को हथियारों का प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है। सैकड़ों यजीदी अपनी जान बचाने के लिए इस कार्यक्रम में शामिल हुए हैं। इन्हें सीरिया में हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके बाद वे आइस के खिलाफ लड़ने इराक जाएंगे।

यजीदियों का जीना हुआ दूभर :

आतंकियों के कहर के कारण विस्थापित यजीदी समुदाय के नागरिकों ने दोहुक शहर के बाहरी इलाके में शरण ली है। सिर्फ एक वक्त के भोजन और बिना किसी चिकित्सकीय सहायता के इनका जीवन दूभर हो गया है। यजीदी महिला हजिका ने कहा, 'इससे बेहतर होता कि हम अपने घर में मर गए होते।'

दो हफ्तों में सीरिया में 700 की हत्या

इस्लामिक स्टेट ने पिछले दो हफ्तों में पूर्वी सीरिया के दीर अल जोर प्रांत में एक आदिवासी समुदाय के 700 सदस्यों की हत्या कर दी है। एक मानवाधिकार संगठन के मुताबिक, अल शितात समुदाय के मारे गए सदस्यों में ज्यादातर के सिर धड़ से अलग कर दिए गए। इस समुदाय के लोग लंबे समय से आतंकियों के साथ संघर्ष कर रहे हैं।

मोसुल बांध और इरबिल के निकट अमेरिकी हमले

आइएस आतंकियों पर चौतरफा बसे बम


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