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मोसुल में जीत के साथ ही लोगों के चेहरे पर छाई खुशी, जश्‍न में झूम रहे लोग

इराक के मोसुल में फौज की जीत के बाद यहां के लोगों को फिर से अच्‍छे दिन की आस जगने लगी है। यहां पर एक बार फिर से गाने-बजाने की आवाजें आ रही हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 10 Jul 2017 04:27 PM (IST)Updated: Mon, 10 Jul 2017 05:06 PM (IST)
मोसुल में जीत के साथ ही लोगों के चेहरे पर छाई खुशी, जश्‍न में झूम रहे लोग
मोसुल में जीत के साथ ही लोगों के चेहरे पर छाई खुशी, जश्‍न में झूम रहे लोग

नई दिल्‍ली (स्‍पेशल डेस्‍क )। इराक में आखिरकार दस माह के बाद आतंक का किला ढह गया है। आतंकी संगठन आईएस अपनी राजधानी मोसुल को हार गया है। उसके आतंकी या तो मारे गए हैं या‍ फिर मोसुल छोड़कर भाग रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ इराकी सेना आ‍तंकियों के छिपने की सभी संभावित जगहों की सघन तलाशी ले रही है। इन सबके बीच इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल अबादी ने सेना को इस जीत की बधाई देते हुए कई ट्वीट किए हैं। कई जगहों पर वह खुद सैनिकों के बीच जाकर बधाई देते हुए नजर आए।

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इतने महीनों चली लड़ाई के बाद भी आईएस का सरगना अबू बकर अल-बगदादी अभी तक लापता बताया गया है। हालांकि कुछ समय पहले रूस ने उसके रक्‍का में मारे जाने का दावा किया था, लेकिन उसकी लाश अभी तक बरामद नहीं हुई है। मोसुल की लड़ाई में हजारों शहरवासियों को अपनी जान गंवानी पड़ी है और करीब दस लाख लोगों को अपना ठिकाना छोड़कर शिविरों में या दूसरी जगहों पर रहना पड़ रहा है। इस लड़ाई में बड़ी संख्या में इराकी सेना के जवान भी शहीद हुए हैं। इस दौरान हजारों आतंकियों के मारे जाने की खबर है।

आईएस पर इराकी फौज की जीत के बाद यहां का माहौल काफी कुछ बदला हुआ नजर आने लगा है। इराकी सैनिक राइफल और मशीनगन हाथ में लेकर नाच-गा रहे हैं। मोसुल के बाहर शिविरों में रह रही करीब दस लाख की आबादी भी इस जीत का जश्‍न मनाने में पीछे नहीं है। वहां से भी रह-रहकर नाच-गाने की आवाजें आ रही हैं। यहां पर काफी समय के बाद लोग खुलकर हंसने का मजा ले रहे हैं। मुहम्मद हाजी अहमद जैसे शहर के पुराने बाशिंदों को भी अब पुराने दिन वापस आने की आस जाग गई है। वे कहते हैं कि सरकार को अब मोसुल को पुराने रूप में लाने के लिए योजना तैयार करनी चाहिए। हम लोग भी अपनी मेहनत से उसे पूरा सहयोग देंगे।

मोसुल की आजादी के बाद अब इस बात की उम्‍मीद बढ़ गई है कि जल्‍द ही आईएस से दुनिया को मुक्‍त करवा लिया जाएगा। यूं भी आईएस पहले के मुकाबले अब काफी सिकुड़ गया है। हालांकि इंटरनेट के माध्‍यम से वह लगातार अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है। आईएस का साम्राज्‍य इराक और सीरिया में साठ फीसद कम हो गया है। जबकि तेल और गैस की बिक्री, कर से वसूली और अन्‍य स्रोतों से होने वाली कमाई में भी उसको 80 फीसद तक की कमी आई है।

गौरतलब है कि मोसुल इराक का दूसरा सबसे बड़ा शहर था, जिसको आईएस ने 2014 में कब्‍जा कर अपनी राजधानी घोषित किया था। सीरिया और इराक के कुछ हिस्सों पर कब्जा करने वाले आईएस ने 29 जून 2014 को खिलाफत का एलान किया। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2011 से अब तक आईएस में 90 देशों से 20,000 से ज्यादा लोग भर्ती हुए थे।

वर्ष  2015 में जहां आईएस का साम्राज्‍य 98800 वर्ग किमी तक फैला था वहीं अब यह सिकुड़ कर 36000 वर्ग किमी तक रह गया है। वर्ष 2015 की दूसरी तिमाही में आईएस की प्रतिमाह औसत कमाई करीब 8.1 करोड़ डॉलर थी जो 2017 में महज 1.6 करोड़ डॉलर प्रतिमाह औसत तक सिमट कर रह गई है। 


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