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लखवी की आवाज का नहीं मिलेगा नमूना

मुंबई आतंकी हमले के दोषियों को सजा दिलवाने के लिए पाकिस्तान की अदालत में चल रही सुनवाई को बड़ा झटका लगा है। इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने हमले के मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी और छह अन्य की आवाज का नमूना लेने की सरकार की अर्जी को खारिज कर दिया है।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Wed, 27 Jan 2016 03:44 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jan 2016 04:00 PM (IST)
लखवी की आवाज का नहीं मिलेगा नमूना

इस्लामाबाद। मुंबई आतंकी हमले के दोषियों को सजा दिलवाने के लिए पाकिस्तान की अदालत में चल रही सुनवाई को बड़ा झटका लगा है। इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने हमले के मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी और छह अन्य की आवाज का नमूना लेने की सरकार की अर्जी को खारिज कर दिया है।

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26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए हमले के दौरान भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने हमलावरों की सेटेलाइट फोन से बातचीत को इंटरसेप्ट कर लखवी की आवाज का नमूना पाकिस्तान सरकार को दिया था। हमले में 166 लोग मारे गए थे।

मामले के अभियोजन पक्ष ने आरोपी सात लोगों की आवाज के नमूने लेकर उनके टेप हुई बातचीत से मिलान की अर्जी आतंकी मामलों की सुनवाई करने वाली कोर्ट की बेंच में दी थी। इससे पहले सन 2011 और 2015 में निचली अदालतों ने भी इस बाबत दी गई अर्जियों को इस आधार पर खारिज कर दिया था, कि पाकिस्तान के कानून में आवाज के सुबूत को सत्यापित करने की कोई व्यवस्था नहीं दी गई है। भारतीय एजेंसियों द्वारा इंटरसेप्ट की गई बातचीत में लखवी व अन्य को हमलावरों को कार्रवाई के लिए उकसाते और दिशानिर्देश देते हुए सुना गया था। उनकी आवाज का नमूना हमले में लश्कर-ए-तैयबा के सरगनाओं के शामिल होने का सबसे पुख्ता सुबूत था। अर्जी पर हुई बहस में अभियोजन पक्ष के वकीलों ने कहा कि आरोपियों को सजा दिलाने के लिए उनकी आवाज के नमूने लिए जाने आवश्यक हैं, इसलिए उन्हें अनुमति दी जाए लेकिन अदालत ने उनकी बात नहीं मानी। आवाज मिलान की अर्जी खारिज होने के बाद अब मुंबई के हमलावरों के पाकिस्तानी आकाओं को सजा दिलाने की भारतीय उम्मीद काफी क्षीण पड़ गई है।

कसाब व फहीम को लापता घोषित करने से इन्कार

अदालत ने अजमल कसाब और फहीम अंसारी को लापता घोषित करने संबंधी अभियोजन पक्ष की अर्जी को भी खारिज कर दिया। अदालत ने इस सिलसिले में दिए गए सुबूतों को अपर्याप्त करार दिया। अर्जी में इन दोनों को मुंबई हमले में शामिल बताया गया था। उल्लेखनीय है कि मुंबई में जिंदा पकड़े गए हमलावर आतंकी कसाब को अदालत में हुई सुनवाई के बाद फांसी दे दी गई थी।

छह साल जेल में रहने के बाद से आजाद है लखवी

हमले के बाद भारत द्वारा दिए गए सुबूत के आधार पर पाकिस्तान में जकीउर रहमान लखवी, अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हामद अमीन सद्दीक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और यूनिस अंजुम को गिरफ्तार किया गया था। इन आरोपियों को छह साल से ज्यादा समय तक आदियाला जेल में रखा गया। लेकिन दिसंबर 2014 में लखवी व उसके साथियों को अदालत से जमानत मिल गई। इसके बाद जनसुरक्षा कानून के तहत पाकिस्तान सरकार ने उसे जेल से रिहा नहीं किया लेकिन लाहौर हाई कोर्ट के फैसले के बाद 10 अप्रैल, 2015 को लखवी जेल से रिहा हो गया।


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