नागरिकों के हित में इराकी सेना ने अभियान रोका
मोसुल से आइएस को खदेड़ने के लिए छह माह पहले अमेरिकी मदद से हमला शुरू किया गया था।
मोसुल, रायटर। मोसुल को इस्लामिक स्टेट (आइएस) से आजाद कराने में जुटी इराकी सेना ने अभियान रोक दिया है। बड़ी संख्या में नागरिकों के मारे जाने से इराकी सेना ने शनिवार को यह कदम उठाया है। आइएस के कब्जे वाले इलाके से भाग निकले लोगों ने बताया कि इराक और अमेरिकी गठबंधन सेना के हवाई हमलों से भवन तबाह हुए हैं।
इस तरह के हमलों में बड़ी संख्या में नागरिक मारे गए हैं। भाग रहे नागरिकों ने कहा कि आतंकवादी मानव ढाल की तरह हमारा इस्तेमाल कर रहे हैं। भागने वालों को वे गोली मार रहे हैं।मोसुल से आइएस को खदेड़ने के लिए छह माह पहले अमेरिकी मदद से हमला शुरू किया गया था। इस अभियान में इराकी सेना ने शहर के अधिकांश हिस्से पर कब्जा कर लिया है।
मोसुल का पूर्वी हिस्सा और आधा पश्चिमी हिस्सा अब इराक के नियंत्रण में है। लेकिन पिछले दो सप्ताह से सेना आगे नहीं बढ़ पा रही है। पुराने शहर की तंग गलियां सेना के लिए बाधक साबित हो रही हैं। इसी हिस्से में वह अल-नूरी मस्जिद है जहां से 2014 में आइएस सरगना अबू बकर अल-बगदादी ने खुद को खलीफा घोषित किया था।संघीय पुलिस के प्रवक्ता ने शनिवार को बताया, 'पुराने शहर में हाल के दिनों में बड़ी संख्या में नागरिकों के मारे जाने से हमें अभियान रोकने पर मजबूर होना पड़ा है। अब हमले की नई योजना बनाई जाएगी। लड़ाई अभी बंद रहेगी।'