भारत के पहले परमाणु परीक्षण को अमेरिका ने माना था विफल
भारत के पहले परमाणु परीक्षण की विस्फोटक क्षमता को लेकर अमेरिका ने खुफिया आकलन कराया था। खास बात यह है कि 1
वाशिंगटन। भारत के पहले परमाणु परीक्षण की विस्फोटक क्षमता को लेकर अमेरिका ने खुफिया आकलन कराया था। खास बात यह है कि 1974 में किए गए इस परमाणु परीक्षण को उसने करीब-करीब विफल माना था। सार्वजनिक हुए गुप्त अमेरिकी मूल्यांकन में यह दावा किया गया है। हालांकि इन नतीजों के कारणों के बारे में नहीं बताया गया है।
सूचना के अधिकार के तहत नेशनल सिक्योरिटी आरकाइव (एनएसए) द्वारा विदेश मंत्रालय से हासिल किए गए दस्तावेजों को शुक्रवार को सार्वजनिक किया गया। एनएसए ने कहा कि अमेरिकी खुफिया विभाग के आकलन का कारण 1974 के परमाणु परीक्षण की विस्फोटक क्षमता कम होना हो सकता है।
इस परमाणु परीक्षण का कोडनेम 'ऑपरेशन स्माइलिंग बुद्धा था।' परीक्षण के तहत राजस्थान के पोखरण फायरिंग रेंज में थर्मोन्यूक्लियर उपकरण का परीक्षण किया गया था। हालांकि इस उपकरण की विस्फोटक क्षमता विवादित रही है। उसके बाद से माना जा रहा है कि इसकी वास्तविक क्षमता आठ से 12 किलोटन टीएनटी (ट्राइ नाइट्रो टॉल्वीन) के बराबर थी।
24 जनवरी, 1996 तारीख वाले खुफिया आकलन में कहा गया है कि भारतीय वैज्ञानिक समुदाय उस समय प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव पर दूसरे परीक्षण के लिए दबाव बना रहा था। दस्तावेज में कहा गया है कि हो सकता है कि 1974 के करीब-करीब असफल परीक्षण के बाद वैज्ञानिक राव पर भारत के अप्रमाणित परमाणु उपकरण के और परीक्षण के लिए जोर दे रहे हो। अमेरिकी वैज्ञानिक संघ ने अपनी वेबसाइट पर दावा किया है कि भारत द्वारा 18 मई, 1974 को किया गया परमाणु परीक्षण हो सकता है कि आंशिक रूप से सफल रहा हो।
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