नाइटहुड की उपाधि से सम्मानित होंगे रामकृष्णन
भारतीय मूल के वैज्ञानिक वेंकटरमन रामकृष्णन को 'नाइटहुड' की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा। उन्हें यह सम्मान मॉलिक्युलर बॉयोलॉजी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया जा रहा है। उन्हें वर्ष 2009 में इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए रसायन शास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिल चुका है। विदेशी नागरिकों को चुनिंदा बार ही यह उपाधि मिली है।
लंदन। भारतीय मूल के वैज्ञानिक वेंकटरमन रामकृष्णन को 'नाइटहुड' की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा। उन्हें यह सम्मान मॉलिक्युलर बॉयोलॉजी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया जा रहा है। उन्हें वर्ष 2009 में इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए रसायन शास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिल चुका है। विदेशी नागरिकों को चुनिंदा बार ही यह उपाधि मिली है।
रामकृष्णन को 'न्यू ईयर्स ऑनर्स लिस्ट 2012' में नाइटहुड उपाधि के लिए चुना गया है। वह मूलत: अमेरिकी नागरिक हैं और कैंब्रिज स्थित एमआरसी लेबोरेट्री ऑफ मॉलिक्युलर बायोलॉजी में काम करते हैं। उन्होंने कहा कि इस उपाधि से सम्मानित किया जाना ब्रिटेन के समाज में आव्रजकों द्वारा किए गए योगदान को दर्शाता है। नए साल पर बकिंघम पैलस में आयोजित समारोह में महारानी एलिजाबेथ उन्हें नाइटहुड की उपाधि प्रदान करेंगी। तमिलनाडु के चिदंबरम में जन्मे 58 वर्षीय रामकृष्णन ने बड़ौदा यूनिवर्सिटी, ओहियो यूनिवर्सिटी और सैनडियागो स्थित कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की है। वर्ष 2010 में उन्हें पद्म विभूषण सम्मान भी दिया जा चुका है। इससे पहले वर्ष 2010 में ब्रिटेन के पहले सिख न्यायाधीश भारतीय मूल के मोता सिंह को नाइटहुड की उपाधि से सम्मानित किया जा चुका है। रामकृष्णन के अलावा ब्रिटेन में रहने वाले दो अन्य विदेशी मूल के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रूसी मूल के प्रोफेसर आंद्रे जेइम और कांस्टैनटाइन नोवोसेलोव को भी इस सम्मान से नवाजा जाएगा।
'न्यू ईयर्स ऑनर्स लिस्ट 2012' में सम्मानित किए जाने वाले भारतीय मूल के अन्य नागरिकों में प्रोफेसर दिनेश कुमार माखन लाइ भुगरा शामिल हैं। वह रॉयल कॉलेज ऑफ सायकाइट्रिस्ट्स के पूर्व अध्यक्ष हैं। उन्हें यह पुरस्कार मनोविज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए प्रदान किया जाएगा।
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