'इंटेल साइंस टैलेंट सर्च' में भारतीय छात्रों का दबदबा
अमेरिका की प्रतिष्ठित इंटेल साइंस टैलेंट सर्च में भारतीय अमेरिकी छात्रों का दबदबा रहा।
वाशिंगटन। अमेरिका की प्रतिष्ठित इंटेल साइंस टैलेंट सर्च में भारतीय अमेरिकी छात्रों का दबदबा रहा। छह छात्रों ने युवा अन्वेषकों के लिए 10 लाख डॉलर (करीब 6.72 करोड़ रुपये) की पुरस्कार राशि वाली इस प्रतियोगिता के दो वर्गो में पहला स्थान हासिल करने के साथ ही शीर्ष स्थानों पर कब्जा किया।
अमोल पंजाबी 'फर्स्ट प्लेस मेडल ऑफ डिस्टिंक्शन फॉर बेसिक रिसर्च' के विजेता रहे तो माया वर्मा 'फर्स्ट प्लेस मेडल ऑफ डिस्टिंक्शन फॉर इनोवेशन' में विजेता रहीं। मंगलवार को जारी विजेताओं की सूची में सभी तीन वर्गो में कुछ ऐसी ही स्थिति दूसरे और तीसरे स्थान के लिए भी रही। मेन के पेज ब्राउन ने 'फर्स्ट प्लेस मेडल ऑफ डिस्टिंक्शन फॉर ग्लोबल गुड' का पुरस्कार जीता।
सोसाइटी फॉर साइंस एंड द पब्लिक की अध्यक्ष और सीईओ माया अजमेरा ने कहा, 'वे (भारतीय छात्र) और इंटेल एसटीएस 2016 के बाकी के शीर्ष विजेताओं ने दुनिया की समस्याओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी की मदद से सुलझाया। वे भविष्य के लिए जरूरी ऐसे समाधानों की तलाश में अग्रणी रहेंगे।'
मैसाच्यूसेट्स के पंजाबी (17) ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित किया है जो दवा निर्माताओं को कैंसर और दिल की बीमारियों की नई चिकित्सा पद्धति विकसित करने में मदद करेगा। कैलिफोर्निया की माया वर्मा (17) ने फेफड़े की कार्यप्रणाली के विश्लेषण के लिए स्मार्टफोन आधारित बेहद सस्ते उपकरण का निर्माण किया है।
इलिनोइस की मीना जगदीसन (17) ने सेकंड प्लेस ऑफ डिस्टिंक्शन फॉर बेसिक रिसर्च में जीत हासिल की। पेंसिल्वेनिया के मिलिंद जगोटा (18) सेकंड प्लेस मेडल ऑफ डिस्टिंक्शन फॉर इनोवेशन, वर्जीनिया के कुणाल श्रॉफ (17) थर्ड प्लेस मेडल ऑफ डिस्टिंक्शन फॉर बेसिक रिसर्च के विजेता रहे। इसके अलावा ओहायो की काव्या रविचंद्रन (17) ने थर्ड प्लेस मेडल ऑफ डिस्टिंक्शन फॉर इनोवेशन का पुरस्कार जीता है।