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भारतवंशी डॉक्टर दंपती को देश निकाला से अंतिम क्षणों में राहत

डॉ. सतीजा और उनकी पत्नी की समस्या पिछले साल अक्टूबर से शुरू हुई थी, जब वह अपने बीमार पिता को देखने के लिए भारत आए थे।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Fri, 31 Mar 2017 06:34 PM (IST)Updated: Fri, 31 Mar 2017 06:48 PM (IST)
भारतवंशी डॉक्टर दंपती को देश निकाला से अंतिम क्षणों में राहत
भारतवंशी डॉक्टर दंपती को देश निकाला से अंतिम क्षणों में राहत

ह्यूस्टन, प्रेट्र : भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टर दंपती अवैध प्रवासियों के खिलाफ ट्रंप सरकार के सख्त रुख का शिकार होने से बाल-बाल बच गए। आव्रजन विभाग ने न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर पंकज सतीजा और उनकी पत्नी डॉक्टर मोनिका उम्मत को बुधवार को 24 घंटे के अंदर अमेरिका छोड़ने का निर्देश दिया था। दोनों अपने सात साल के बेटे और चार साल की बेटी के साथ गुरुवार को भारत आने के लिए विमान में सवार होने ही वाले थे कि अमेरिकी अधिकारियों ने उन्हें दस्तावेज सुधारने के लिए 90 दिनों का अतिरिक्त वक्त दे दिया।

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डॉ. सतीजा और उनकी पत्नी की समस्या पिछले साल अक्टूबर से शुरू हुई थी, जब वह अपने बीमार पिता को देखने के लिए भारत आए थे। एक सप्ताह बाद वापस लौटने पर बुश अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सीमा-शुल्क विभाग के अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया था। ह्यूस्टन क्रॉनिकल समाचारपत्र के अनुसार, बाद में उनके दस्तावेज पर मुहर लगा दी गई और कहा कि वह इस साल जून तक अमेरिका में रह सकते हैं। अमेरिकी नागरिकता एवं प्रवासी विभाग की जांच में डॉक्टर दंपती के दस्तावेज की अवधि जून, 2016 में ही समाप्त होने की बात सामने आई थी।

मंजूरी देने से इन्कार

डॉक्टर सतीजा के अनुसार, अधिकारियों ने दस्तावेज का नवीनीकरण न कराने की घटना को सामान्य बताया। दोनों को डेफर्ड इंस्पेक्शन प्रोग्राम के तहत दस्तावेज दुरुस्त कराने के लिए अतिरिक्त मोहलत दी गई थी। ग्रीन कार्ड अपडेट की प्रक्रिया शुरू होने के बाद उन्हें हर महीने सीमा-शुल्क विभाग के अधिकारियों से अमेरिका में रुकने की अस्थायी मंजूरी लेनी पड़ती थी। सोमवार को विभाग ने उनका आवेदन स्वीकृत होने की जानकारी दी थी, लेकिन बुधवार को परिस्थितियां अचानक से बदल गई। अधिकारियों ने बताया कि नई नीति के तहत उनके आवेदन को मंजूरी नहीं दी जा सकती है। उन्हें अमेरिका छोड़ने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दे दिया गया।

डॉक्टर होने का मिला फायदा

अधिकारियों की मानें तो मरीजों की लंबी सूची होने और उनकी जरूरत को देखते हुए उन्हें दस्तावेज दुरुस्त कराने के लिए 90 दिन का वक्त दिया गया। डॉ. सतीजा ने बताया कि गुरुवार को 50 और शुक्रवार को 40 मरीजों को देखना है।


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