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भारतीय कार्रवाई से अमेरिका नाराज, फोर्ड फाउंडेशन पर मांगा जवाब

ग्रीनपीस और फोर्ड फाउंडेशन के खिलाफ कार्रवाई पर अमेरिका ने चिंता जताई है। इस पूरे विवाद पर ओबामा प्रशासन ने भारत से जवाब भी मांगा है। भारत ने दोनों संस्थाओं पर विदेशी चंदे के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Sat, 25 Apr 2015 05:44 PM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2015 05:57 PM (IST)
भारतीय कार्रवाई से अमेरिका नाराज, फोर्ड फाउंडेशन पर मांगा जवाब

वाशिंगटन । ग्रीनपीस और फोर्ड फाउंडेशन के खिलाफ कार्रवाई पर अमेरिका ने चिंता जताई है। इस पूरे विवाद पर ओबामा प्रशासन ने भारत से जवाब भी मांगा है। भारत ने दोनों संस्थाओं पर विदेशी चंदे के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है।

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अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मैरी हर्फ ने कहा, 'हमें पता है कि भारत के गृह मंत्रालय ने ग्रीनपीस इंडिया का पंजीकरण निलंबित कर दिया है और फोर्ड फाउंडेशन को निगरानी सूची में रखा है।' बकौल हर्फ भारत में विदेशी चंदा नियमन कानून को जिस तरीके से अमल में लाया गया है और उससे सिविल सोसाइटी संगठनों को जिस तरह की समस्याओं से रूबरू होना पड़ रहा है वह अमेरिका लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, 'हमें इस बात की चिंता है कि हालिया फैसलों से भारतीय समाज में जरूरी बहस सीमित हो जाएगी। इस बाबत हमने भारत से जवाब मांगा है।'

गैर सरकारी संगठनों को विदेशी चंदा मिलने पर नए सिरे से कार्रवाई करते हुए गृह मंत्रालय ने अमेरिका के फोर्ड फाउंडेशन को अपनी 'निगरानी सूची' में रखा है। मंत्रालय के निर्देशानुसार सुरक्षा चिंताओं के चलते इस संस्था को अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से मिलने वाला चंदा मंत्रालय की मंजूरी से ही आएगा। भारत ने फोर्ड फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित सभी गतिविधियों पर भी नजर रखने का फैसला किया है। साथ ही रिजर्व बैंक को भी संस्था को मिलने वाले फंड पर नजर रखने को कहा गया है। गुजरात सरकार ने आरोप लगाया था कि अमेरिकी संस्था देश के आंतरिक मामलों में न केवल हस्तक्षेप कर रहा है बल्की सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की संस्था के जरिये सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा दे रहा है। गृह मंत्रालय ने इसी महीने ग्रीनपीस इंडिया के सात बैंक खातों पर रोक लगा दी थी।

पढ़ें : केंद्र सरकार की निगरानी सूची में फोर्ड फाउंडेशन


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