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सिंधु समझौते को दबाव बनाने के लिए हथियार न बनाए भारत

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने यह बात पानी, शांति और सुरक्षा विषय पर आयोजित सेमिनार में कही।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Wed, 23 Nov 2016 05:12 PM (IST)Updated: Wed, 23 Nov 2016 05:20 PM (IST)

संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र : पाकिस्तान ने कहा है कि भारत सिंधु जल समझौते को दबाव बनाने का हथियार न बनाए। उसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहा है कि इस तरह के मामलों पर ध्यान दे, जब तनाव या युद्ध की स्थिति में पानी से जुड़े मामलों को हथियार बनाया जाता है।

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संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने यह बात पानी, शांति और सुरक्षा विषय पर आयोजित सेमिनार में कही। उन्होंने कहा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को जिम्मेदारी लेनी चाहिए जिससे पानी को लेकर होने वाले द्विपक्षीय या बहुपक्षीय समझौते हर स्थिति में सामान्य रूप में बने रहें। संबंधित देश पानी को लेकर विवाद सहयोगपूर्ण तरीके से निपटाएं। एक बार जब ये समझौते हो जाएं तो उनका जिम्मेदारी के साथ पालन किया जाना चाहिए, न कि उन्हें हथियार बनाकर इस्तेमाल किया जाना चाहिए। लेकिन सिंधु जल समझौते का मामला उदाहरण है कि कौन गलत रास्ते पर जा रहा है या उसका सम्मान नहीं कर रहा है। कौन इसे लेकर धमकी दे रहा है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चाहिए कि वह कोई विवाद पैदा होने से पहले ही मामले पर ध्यान दे।

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सेमिनार में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, दुनिया में पानी से संबंधित विवादों की आशंका को खत्म नहीं किया जा सकता। इसलिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय पानी को सहयोग का अहम वाहक मानकर कार्य करे। उन्होंने कहा कि हाल के दशकों में दुनिया में पानी के बारे में सोच बदली है। ऐसे में पानी को सहयोग का प्रमुख औजार मानकर चलना चाहिए।

सेमिनार में संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने भाषण में सिंधु जल समझौते का जिक्र करते हुए कहा, भारत और पाकिस्तान के बीच सन 1960 में हुआ यह समझौता तनाव की स्थितियों में ही नहीं दो युद्धों के दौरान भी सामान्य स्थिति में बना रहा। इस बात को ध्यान में रखा जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि भारत-पाकिस्तान के बीच के इस समझौते में भारतीय क्षेत्र से पानी पाकिस्तानी क्षेत्र में जाता है। इस समझौते में विश्व बैंक भी भागीदार है। बीते दस नवंबर को उसने विवाद की स्थिति में मध्यस्थता का प्रस्ताव रखा है।


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