पाकिस्तान में ईशनिंदा से गुस्साई भीड़ ने अहमदियों की मस्जिद फूंकी
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में ईशनिंदा से गुस्साई भीड़ ने शनिवार को अहमदिया समुदाय की एक मस्जिद को फूंक दिया। बाद में उस पर कब्जा भी कर लिया।
लाहौर। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में ईशनिंदा से गुस्साई भीड़ ने शनिवार को अहमदिया समुदाय की एक मस्जिद को फूंक दिया। बाद में उस पर कब्जा भी कर लिया। इसके पहले शुक्रवार रात ईशनिंदा की अफवाह फैलने के बाद प्रदर्शनकारियों ने एक फैक्ट्री में आग लगा दी थी। भीड़ का आरोप था कि कंपनी के एक कर्मचारी ने ईशनिंदा की है।
आंतरिक मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि इस घटना के बाद लाहौर से 164 किमी उत्तर झेलम जिले में पुलिस और सेना को तैनात कर दिया गया है। वहां किसी के भी हताहत होने की खबर नहीं है।
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मालूम हो, अहमदिया खुद को मुस्लिम मानते हैं, लेकिन पूरे पाकिस्तान के सुन्नी मुस्लिमों के उन्हें विरोध का सामना करना पड़ता है। उन्हें मुस्लिमों का दर्जा हासिल नहीं है। वे हिंसा और भेदभाव का शिकार होते हैं। उन पर अक्सर ईशनिंदा का आरोप लगाया जाता है। ईशनिंदा पाकिस्तान में दंडात्मक अपराध है। दोषी साबित होने पर इसमें मौत की सजा का प्रावधान है। पंजाब प्रांत की पुलिस ने बताया कि झेलम में स्थिति नियंत्रण में है। वह लगातार स्थानीय धार्मिक नेताओं व प्रदर्शनकारियों से मिलकर मामला सुलझाने में जुटी है। वहीं, पंजाब में अहमदिया समुदाय के प्रवक्ता आमिर मुहम्मद ने बताया, 'शुक्रवार शाम निकट की सुन्नी मुस्लिमों की एक मस्जिद से घोषणा हुई कि फैक्ट्री कर्मी ने कुरान की प्रति जलाई है। इसके बाद करीब 2,000 लोग फैक्ट्री के बाहर एकत्र हो गए। उन्होंने चारों ओर से फैक्ट्री को घेर लिया। वे प्रबंधन से कर्मचारी को सुपुर्द करने की मांग कर रहे थे। ऐसा नहीं होने पर उन्होंने फैक्ट्री में आग लगा दी। ईश्वर का शुक्र है कि कोई जला नहीं।'
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