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हिलेरी ने दिए राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के संकेत

अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने वर्ष 2016 में राष्ट्रपति पद की चुनावी दौड़ में शामिल होने के ठोस संकेत दिए हैं। वहीं दर्जनों स्वतंत्र समूह उनके नाम से चंदा जुटा रहे हैं।

By Edited By: Published: Wed, 09 Apr 2014 04:12 PM (IST)Updated: Wed, 09 Apr 2014 04:12 PM (IST)

वाशिंगटन। अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने वर्ष 2016 में राष्ट्रपति पद की चुनावी दौड़ में शामिल होने के ठोस संकेत दिए हैं। वहीं दर्जनों स्वतंत्र समूह उनके नाम से चंदा जुटा रहे हैं।

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मंगलवार को सैन फ्रांसिस्को में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने की योजना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'मैं इस बारे में सोच रही हूं। मुश्किल सवाल यह नहीं है कि क्या आप राष्ट्रपति बनना चाहते हैं या आप जीत सकते हैं? लाख टके का सवाल यह है कि आप क्यों ऐसा करना चाहते हैं? आप ऐसी क्या पेशकश करेंगे जिससे फर्क पता चलेगा?' माना जा रहा है कि हिलेरी दो साल बाद होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव में हिस्सा लेंगी। हालांकि उन्होंने कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है।

2008 में डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवारी चुनाव में हिलेरी मामूली अंतर से बराक ओबामा से हार गई थीं। वह अक्सर राष्ट्रपति पद की महत्वाकांक्षा से संबंधित सवालों को टाल जाती है। हालांकि उन्होंने कहा है कि वह इस साल के आखिर में राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेने के बारे में कोई फैसला लेंगी।

उधर मैडम हिलेरी 2016, हिलेरी एफटीडब्ल्यू जैसे कई नई पॉलिटीकल एक्शन कमेटी [पीएसी] हिलेरी के नाम पर चंदा एकत्र कर रही हैं। चुनाव अभियानों के लिए चंदा जुटाने वाली डेमोक्रेट से जुड़ी संस्था रेडी फॉर हिलेरी को उनके जीतने की पूरी उम्मीद हैं। हिलेरी को देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति बनाने की मुहिम का समर्थन करने के लिए वह लाखों डॉलर चंदा एकत्र कर चुकी है। हालांकि चंदा एकत्र करने वाले कुछ अन्य संगठनों ने धन के उपयोग के बारे में चुप्पी साध रखी है। वर्ष 2012 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान सुपर पीएसी कहलाने वाली नई तरह की पीएसी अस्तित्व में आ गई थीं।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी थी कि सुपर पीएसी चुनावी प्रक्रिया के तहत चंदा एकत्र कर सकती हैं मगर जिस राजनीतिक दल या उम्मीदवारी का समर्थन कर रही है उस पर सीधा नियंत्रण न रखे। यह बात दीगर है कि गैरसरकारी संगठन के मुखौटे के पीछे ये तथाकथित पीएसी चुनावी प्रक्रिया के लिए जुटाए गए धन को राजनीतिक मकसद की ओर मोड़ देती हैं। 2012 में रिपब्लिकन की मदद के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति जार्ज डब्ल्यू बुश के वरिष्ठ सलाहकार रहे कार्ल रोव की अमेरिकन क्रासरोड पीएसी ने 10 करोड़ डॉलर जुटाए थे।

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