विशेष तरह के हृदयाघात के लिए जीन जिम्मेदार
लंदन। वैज्ञानिकों ने एक ऐसे जीन की खोज की है जो लोगों में विशेष तरह के हृदयाघात के लिए जिम्मेदार होते हैं। मेनचेस्टर यूनिवर्सिटी और इटली की एक मेडिकल इंस्टीट्यूट इस समस्या के समाधान के लिए नई दवा की खोज में जुटी हुई है।
लंदन। वैज्ञानिकों ने एक ऐसे जीन की खोज की है जो लोगों में विशेष तरह के हृदयाघात के लिए जिम्मेदार होते हैं। मेनचेस्टर यूनिवर्सिटी और इटली की एक मेडिकल इंस्टीट्यूट इस समस्या के समाधान के लिए नई दवा की खोज में जुटी हुई है।
खोजी टीम ने जिस जीन को खोजा है उसे केएटीपी चैनल नाम दिया गया है। इसमें मौजूद प्रोटीन पोटेशियम आयरन को आगे बढ़ने और कोशिकाओं से बाहर निकलने में मदद करता है, जो हृदय में विद्युतीय आवेग को बढ़ा देता है। ये चैनल्स कोरोनरी धमनी की कोशिकाओं में प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं और यहां उत्पन्न विद्युतीय आवेग धमनी के व्यास को अनियंत्रित कर देते हैं जिससे हृदयाघात की स्थिति उत्पन्न होती है।
खोजी टीम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. पाउलो टमारो ने कहा कि हृदयाघात तब होता है जब हृदय में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है या कोरोनरी धमनी में रुकावट आती है। ऐसा अक्सर नली में वसा के जमा होने की वजह से होता है। केरोनरी धमनी वह रक्तवाहिका है जो हृदय को ऑक्सीजन और पोषक तत्व प्रवाहित करती है। हालांकि, कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जिनकी धमनियां साफ होती हैं, लेकिन अचानक उनमें रक्तप्रवाह बंद हो जाता है। डॉ. टमारो ने कहा कि हमने इस समस्या की वजह को खोज निकाला है। इसके लिए एक तरह का जिन जिम्मेदार है। पाविया यूनिवर्सिटी के डॉ. इंजो इमानुले ने कहा कि हमें पता था कि इस तरह का हृदयाघात छह फीसद लोगों में होता है और इनमें से ज्यादातर में अनुवांशिक गड़बड़ी के कारण ऐसा होता है, लेकिन हमें यह पता नहीं था कि इसके लिए एक खास जिन जिम्मेदार है। अब इसकी पहचान कर ली गई है। ऐसे रोगियों को लेकर हृदयाघात की भविष्यवाणी की जा सकती है, तदनुसार इलाज किया जा सकता है।
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