स्नोडेन ने भारत में किया था हैकिंग का कोर्स
वाशिंगटन। अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) की गुप्त निगरानी योजनाएं लीक कर दुनियाभर में सुर्खियां बटोरने वाले एडवर्ड स्नोडेन का भारत से भी गहरा नाता रहा है। निगरानी कार्यक्रमों को लीक करने से पहले सितंबर, 2010 में उन्होंने न केवल भारत स्थित अमेरिका दूतावास में तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में कुछ दिन जिम्मेदारी निभाई बल्कि नई दिल्
वाशिंगटन। अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) की गुप्त निगरानी योजनाएं लीक कर दुनियाभर में सुर्खियां बटोरने वाले एडवर्ड स्नोडेन का भारत से भी गहरा नाता रहा है। निगरानी कार्यक्रमों को लीक करने से पहले सितंबर, 2010 में उन्होंने न केवल भारत स्थित अमेरिका दूतावास में तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में कुछ दिन जिम्मेदारी निभाई बल्कि नई दिल्ली स्थित एक संस्थान से 'एथिकल हैकिंग' का कोर्स भी किया था। स्नोडेन को खुफिया एजेंसी एनएसए ने ही भारत भेजा था।
एनएसए की गुप्त निगरानी योजनाएं लीक होने के बाद ओबामा प्रशासन को दुनियाभर में काफी आलोचनाएं झेलने पड़ी थी और अन्य देशों के साथ उसके रिश्तों में दरार आ गई। 'फॉरेन पॉलिसी' नामक मैगजीन ने भारत स्थित कोइंग सोल्यूशंस के अधिकारियों और स्नोडेन से परचित लोगों के हवाले से यह खबर दी है। रिपोर्ट में कहा गया कि स्नोडेन ने इस संस्थान में कुल छह दिन बिताए जिस दौरान उसने हैकिंग से संबंधित बारीकियां सीखी। इसके लिए बकायदा संस्थान को दो हजार डॉलर (करीब एक लाख 22 हजार रुपये) अदा किए।
स्नोडेन के रहस्योद्घाटन से खतरे में सैनिक
ब्राजील से शरण पाने की उम्मीद लगाए हैं स्नोडेन
एनएसए ने स्नोडेन के इस कोर्स को गुप्त रखा था। रिपोर्ट के अनुसार, स्नोडेन जापान से 2 सितंबर, 2010 को भारत आए थे और 11 सितंबर को वह लौट गए। इस दौरान स्नोडेन दिल्ली के हयात होटल में भी ठहरे। अमेरिकी निगरानी कार्यक्रमों को लीक करने के बाद से ही स्नोडेन ने रूस में ही राजनीतिक शरण ले रखी है।
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