बृहस्पति ग्रह के ‘ग्रेट रेड स्पॉट’ को न करें नजरअंदाज
बृहस्पति ग्रह में मौजूद ग्रेट रेड स्पॉट के लाल छल्लों के बारे में जूनो से आयी नई तस्वीरों के जरिए अचंभित करने वाला खुलासा हुआ है।
वाशिंगटन (आइएएनएस)। जूनो से भेजे गए डाटा के जरिए आयी बृहस्पति ग्रह की नई इमेज को वैज्ञानिकों ने रिलीज किया है। इन तस्वीरों में अर्द्धचंद्राकार बृहस्पति और इसपर ‘ग्रेट रेड स्पॉट’ का खुलासा हुआ है।
रेड स्पॉट यानि लाल रंग के छल्ले के नीचे लाल रंग का स्टार्म (तूफान) देखा जा सकता है जिसे ‘ओवल बीए’ के तौर पर जाना जाता है। इसमें व्हाइट ओवल जैसे तूफान के सीरीज हैं, जिसे ‘स्ट्रींग्स ऑफ पर्ल्स’ के तौर पर जाना जाता है।
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ये तस्वीरें वैज्ञानिक रोमन काचेनको द्वारा ली गयी हैं। नासा ने बताया, काचेनको जूनो के जूनो कैम इंस्ट्रूमेंट का इस्तेमाल कर ये तस्वीरें एकत्रित कर रहे हैं।
इसके पहले बृहस्पति ग्रह के वातावरण के गर्म होने के रहस्य पर से पर्दा हटा दिया गया था। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के अनुसार, उष्मा का स्रोत 'ग्रेट रेड स्पॉट' और उससे लगे लाल रंग के छल्ले हैं। बृहस्पति, पृथ्वी के मुकाबले सूर्य से पांच गुना से भी ज्यादा की दूरी पर स्थित है। रेड स्पॉट का पता सत्रहवीं सदी में ही लगा लिया गया था।
वैज्ञानिकों के अनुसार, बृहस्पति के दक्षिणी ध्रुव के कुछ क्षेत्रों में तापमान बहुत अधिक होता है। रेड स्पॉट इसी क्षेत्र में स्थित है।
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सौर मंडल में सबसे बड़ा बृहस्पति गहरे लाल रंग के ऑर्बिट के तौर पर है जो हल्के पीले, नारंगी और सफेद रंग के लेयर से घिरा है। बृहस्पति में स्थित यह रेड स्पॉट विशाल है, जो बृहस्पति के वायुमंडल में घूमता हुआ तूफान है। पृथ्वी से दो से तीन गुना चौड़े ग्रेट रेड स्पॉट में वायु की गति 270 मील प्रति घंटे है। 1800वीं सदी के अंत में इसका व्यास करीब 40,000 किमी आंका गया था। ये तस्वीरें 11 दिसंबर 2016 को ली गयी। उस वक्त ग्रह से स्पेसक्राफ्ट के बीच की दूरी करीब 458,800 किमी थी।