दिव्यांगों पर कानून बनने से दुनिया भर में खुलेंगे कल्याण के द्वार
दिव्यागों पर पारित विधेयक के से दिव्यागों के कल्याण और उन्हें विकसित दुनिया में ले जाने के प्रयासों को बल मिलेगा।
वाशिंगटन, प्रेट्र। भारतीय संसद में दिव्यागों पर पारित विधेयक के दूरगामी परिणाम होंगे। इससे दिव्यागों के कल्याण और उन्हें विकसित दुनिया में ले जाने के प्रयासों को बल मिलेगा। यह कहना है कि दिव्यांगों के कल्याण कार्यक्रम से जुड़े भारतीय मूल के अमेरिकी लोगों का। सिलिकॉन वैली में आइटी प्रोफेशनल प्रणव देसाई के अनुसार दिव्यागों पर संयुक्त राष्ट्र समझौते पर दस्तखत करने के दस साल बाद आखिरकार भारत की संसद ने उनके कल्याण वाले विधेयक को पारित कर दिया।
इससे दिव्यांग जनों को बाकी लोगों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ने में काफी मदद मिलेगी। देसाई वॉइस ऑफ स्पेशली एबिल्ड पीपुल नाम का गैर सरकारी संगठन चलाते हैं। वह विधेयक को आगे बढ़वाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नई दिल्ली जाकर तीन बार मिले। देसाई के अनुसार राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद पारित विधेयक कानून की शक्ल ले लेगा और इससे 21 तरह के लाचार लोगों के लिए उम्मीदों के नए द्वार खुलेंगे। उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
उन्हें दिव्यांगों के लिए सुरक्षित स्थानों पर रोजगार मिलेगा। साथ ही इससे सरकारी नौकरियों में दिव्यांगों के लिए आरक्षित चार प्रतिशत कोटे का भी लाभ मिलेगा। उन्हें भारत के अलावा दुनिया भर के देशों में काम करने का मौका मिलेगा। कानून बनने से दिव्यांग जन उस प्रावधान से भी जुड़ जाएंगे जिसमें उन्हें कार्यक्रमों का लाभ न देने पर पांच लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
उन पर हमला करने या उन्हें अपमानित करने पर आरोपी को जेल भेजे जाने का प्रावधान है। इससे दिव्यांगों की समाज में स्थिति मजबूत होगी और वे सम्मानजनक स्थिति में जीवन जी पाएंगे। दिव्यांगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए देसाई ने दुनिया भर में 125 कार्यक्रमों में भाग लिया है और लोगों को जागरूक किया है।