मोटापे के बावजूद बीमारियों से बचा लेता है नियंत्रक जीन
मोटापे का शरीर में होने वाले उन मेटाबोलिक बदलावों से कोई सीधा संबंध नहीं होता, जिनके कारण मधुमेह, हृदयाघात और हृदय संबंधी अन्य बीमारियां होती हैं। एक शोध के मुताबिक सामान्य मेटाबोलिम (उपापचय) वाले मोटे लोगों का वजन यदि कुछ और बढ़ भी जाता है तब भी उन्हें ये बीमारियां
वाशिंगटन। मोटापे का शरीर में होने वाले उन मेटाबोलिक बदलावों से कोई सीधा संबंध नहीं होता, जिनके कारण मधुमेह, हृदयाघात और हृदय संबंधी अन्य बीमारियां होती हैं। एक शोध के मुताबिक सामान्य मेटाबोलिम (उपापचय) वाले मोटे लोगों का वजन यदि कुछ और बढ़ भी जाता है तब भी उन्हें ये बीमारियां नहीं होतीं।
शरीर में होने वाली, जीवन के लिए आवश्यक सभी रासायनिक प्रक्रियाओं की श्रृंखला को मेटाबोलिम कहा जाता है। हालिया शोध के जरिये यह प्रदर्शित किया गया है कि कुछ मोटे लोग वजन में कुछ और बढ़ोतरी के बावजूद अपने मेटाबोलिम पर बुरा असर पड़ने से बचे रहते हैं। जबकि अन्य लोगों पर इसके दुष्प्रभाव दिखाई देते हैं।
सेंट लुइस स्थित वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के वरिष्ठ शोधकर्ता सैम्युअल क्लेन ने बताया कि अध्ययन के लिए मोटापाग्रस्त 20 लोगों को अपना वजन कुछ माह में 15 पाउंड (सात किलोग्राम) बढ़ाने को कहा गया था। इनमें जिन लोगों की मेटाबोलिक प्रोफाइल खराब थी, वजन में बढ़ोतरी के बाद उसकी स्थिति और बदतर हो गई। जबकि वजन बढ़ाने से पहले जिन लोगों को मेटाबोलिक प्रोफाइल सामान्य थी, उनके स्वास्थ्य पर वजन बढ़ने के बाद भी कोई फर्क नहीं पड़ा। मेटाबोलिक प्रोफाइल, शारीरिक स्वास्थ्य के विभिन्न संकेतकों की जानकारी को कहा जाता है। ब्लड टेस्ट के जरिये ब्लड में मौजूद विभिन्न अवयवों की मात्र जैसे संकेतकों से यह जानकारी जुटाई जाती है।
शोध के लिए ऐसे संकेतकों की पहचान की गई थी जिनसे सामान्य मेटाबोलिम वाले लोगों और खराब मेटाबोलिम वाले लोगों के बीच अंतर किया जाता है। खराब मेटाबोलिम का पहला संकेतक लीवर में जमा वसा को माना गया। असामान्य मेटाबोलिम वाले लोगों के लिवर में यादा वसा जमा हो जाती है। दूसरा संकेतक वसा (फैट) के टिस्यू के जीन की कार्यप्रणाली को बनाया गया। सामान्य मेटाबोलिम वाले लोगों में इस जीन की मौजूदगी ज्यादा होती है, जो कि उनमें वसा की वृद्धि और इसके जमा होने की प्रक्रिया को नियंत्रित करती है। क्लेन ने कहा कि शोध के परिणामों से संकेत मिलता है कि शरीर में मौजूद वसा की स्वस्थ तरीके से विस्तार करने की क्षमता मोटापे से जुड़ी मेटाबोलिक समस्याओं से बचाती है।