Move to Jagran APP

नहीं रहे 'माउस' के जनक डग एंजेलबर्ट

सैन फ्रांसिस्को। अंगुलियों के इशारों को पलक झपकते समझने वाले कंप्यूटर माउस के जनक डग एंजेलबर्ट का 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।

By Edited By: Published: Thu, 04 Jul 2013 01:27 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2013 03:52 PM (IST)

सैन फ्रांसिस्को। अंगुलियों के इशारों को पलक झपकते समझने वाले कंप्यूटर माउस के जनक डग एंजेलबर्ट का 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।

loksabha election banner

1960 में इस उपकरण को तैयार करने वाले एंजेलबर्ट ने पहला माउस लकड़ी का बनाया था। इसमें धातु के दो छोटे पहिये लगे थे। उन्होंने कैलिफोर्निया शोध संस्थान में काम करने के दौरान ई-मेल, वर्ड प्रोसेसिंग और वीडियो टेलीकांफ्रेंस तकनीक पर भी काम किया था। स्टेट कंप्यूटर हिस्ट्री म्यूजियम ने उनकी बेटी क्रिस्टीना के ई-मेल के आधार पर एंजेलबर्ट के निधन की खबर दी। उन्होंने बताया कि उनके पिता की सेहत पिछले कुछ दिनों से काफी खराब थी। मंगलवार रात को सोने के दौरान उनकी मौत हो गई। एंजेलबर्ट 2005 से कंप्यूटर हिस्ट्री म्यूजियम के फेलो थे।

जीवन परिचय

डग एंजेलबर्ट का जन्म 30 जनवरी 1925 को अमेरिका के ओरेगन स्थित पोर्टलैंड में हुआ था। उनके पिता एक रेडियो मैकेनिक और मां गृहणी थीं। उन्होंने ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान रडार टेक्नीशियन की भूमिका निभाई।

एंजेलबर्ट ने नासा की पूर्ववर्ती संस्था नाका में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के तौर पर भी काम किया। लेकिन जल्द ही वह इस नौकरी को छोड़कर डॉक्टरेट करने के लिए बर्कले स्थित कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय चले गए।

इंसान के ज्ञान को बढ़ाने में कंप्यूटर कैसे मदद कर सकता है, इस बात में दिलचस्पी उन्हें स्टैनफोर्ड शोध संस्थान ले आई। बाद में उन्होंने ऑग्मेंटेशन शोध केंद्र के नाम से अपनी प्रयोगशाला स्थापित की। एक अनुमान के मुताबिक दुनिया में अब तक एक अरब से ज्यादा माउस बेचे जा चुके हैं। एंजेलबर्ट की प्रयोगशाला एआरपीएनेट के विकास में सहयोग किया जिसने आगे चलकर इंटरनेट का रूप लिया।

योगदान

एंजेलबर्ट की सोच उनके वक्त से काफी आगे थी। वह एक ऐसे युग में काम कर रहे थे जब कंप्यूटर पूरे कमरे के बराबर होता था और विशाल मशीनों में पंच कार्ड के जरिये डाटा भरा जाता था। उन्होंने 1968 में सैन फ्रांसिस्को में माउस का पहला सार्वजनिक प्रदर्शन कर पूरी दुनिया को चौंका दिया था। इसी दौरान उन्होंने पहले वीडियो टेलीकांफ्रेंस का प्रदर्शन किया और टेक्स्ट आधारित लिंक के अपने सिद्धांत की व्याख्या की, जो आगे चलकर इंटरनेट का मुख्य आधार बना।

एंजेलबर्ट माउस से बहुत अधिक पैसा नहीं बना सके क्योंकि 1987 में जब माउस का पेटेंट खत्म हुआ उस समय तक इसका बहुत अधिक इस्तेमाल नहीं किया जाता था। 1983 में उन्होंने 40 हजार डॉलर में इस तकनीक का लाइसेंस एपल को बेच दिया।

अवार्ड

एंजेलबर्ट को 1997 में लेमेलसन-एमआइटी पुरस्कार दिया गया और वर्ष 2000 में पर्सनल कंप्यूटर की बुनियाद तैयार करने के लिए नेशनल मेडल फॉर टेक्नोलॉजी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.