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जवाबी रणनीति बनाए नहीं तो भारतीय विकास का तमाशबीन बन जाएगा चीन

चीन के सरकारी समाचार पत्र 'ग्लोबल टाइम्स' में प्रकाशित रिपोर्ट के अंशों में चीनी र्थव्यवस्था में आ रही सुस्ती का भी उल्लेख किया गया है जिसकी वृद्धि दर पिछले साल 6.7 फीसद रही।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Thu, 11 May 2017 06:03 PM (IST)Updated: Thu, 11 May 2017 06:03 PM (IST)
जवाबी रणनीति बनाए नहीं तो भारतीय विकास का तमाशबीन बन जाएगा चीन
जवाबी रणनीति बनाए नहीं तो भारतीय विकास का तमाशबीन बन जाएगा चीन

बीजिंग, प्रेट्र : चीन को भारत से प्रतिस्पर्धा को गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि भविष्य में भारतीय अर्थव्यवस्था में 'विस्फोटक' वृद्धि हो सकती है। चीन के एक थिंक टैंक ने संभावना जताई है कि इस तरह भारत 'दूसरा चीन' बन सकता है। लिहाजा, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (चीन) को विकास की प्रभावी जवाबी रणनीति विकसित करनी चाहिए, नहीं तो वह भारतीय सफलता का 'तमाशबीन' बनकर रह जाएगा।

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चीन के निजी रणनीतिक थिंक टैंक 'एनबाउंड' के भारतीय अर्थव्यवस्था पर किए गए अध्ययन के मुताबिक, चीन का जनसांख्यिकीय लाभ घटता जा रहा है तो वहीं भारत की आधे से ज्यादा आबादी 25 साल से कम आयु की है। इसका फायदा भारत को ही मिलेगा, क्योंकि यह न सिर्फ कामगारों की बड़ी फौज है, बल्कि संभावित उपभोक्ताओं का बड़ा समूह भी है। रिपोर्ट में इस बात का विशेष तौर पर उल्लेख किया गया है कि चीन ने भारत पर पर्याप्त अध्ययन नहीं किया है। लिहाजा, चीन को अपने इस अपरिचित पड़ोसी के विकास पर करीब से नजर रखनी चाहिए।

चीन के सरकारी समाचार पत्र 'ग्लोबल टाइम्स' में प्रकाशित रिपोर्ट के अंशों में चीनी र्थव्यवस्था में आ रही सुस्ती का भी उल्लेख किया गया है जिसकी वृद्धि दर पिछले साल 6.7 फीसद रही। जबकि 2016-17 भारतीय जीडीपी 7.1 फीसद रहने का अनुमान है। रिपोर्ट कहती है, 'जैसा कि पहले चीन के साथ हो चुका है, और जो बदलाव भारत में हो रहे हैं वे विकास की बड़ी संभावना की ओर इशारा करते हैं।'

रिपोर्ट में एक शोधार्थी के सवालों का जवाब देते हुए कहा गया है कि यह फैसला वैश्विक निवेशकों को ही करने दिया जाए कि वे चीन में निवेश करना चाहते हैं या भारत में। हालांकि, भारतीय जीडीपी काफी पीछे रहेगी, लेकिन फिर भी इसमें उभरते हुए बाजार की संभावना बनी रहेंगी। इसके अलावा यह वैश्विक पूंजी के लिए भी आकर्षक बना रहेगा।

'अर्नस्ट और यंग' ने अपने एक सर्वेक्षण में भारत को निवेश के लिए दुनिया का सबसे आकर्षक स्थल बताया था। सर्वेक्षण में शामिल रहे बहुराष्ट्रीय कंपनियों के 500 एक्जीक्यूटिव्स में से 60 फीसद ने 2015 में भारत को निवेश के लिए दुनिया के तीन शीर्ष सबसे आकर्षक स्थलों में शुमार किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, विशाल घरेलू बाजार, निम्न श्रम लागत और कुशल कामगारों का बाजार भारत की सबसे आकर्षक विशेषताएं हैं।

भारत में निवेश कर रहीं चीन की हुवाई, जियोमी और ओप्पो जैसी विभिन्न कंपनियों के हवाले से रिपोर्ट कहती है, 'हमारे विचार से अगर भारत जान बूझकर वैश्विक निवेशकों के समक्ष प्रतिस्पर्धा की स्थिति पैदा करता है तो यह चीन के समक्ष एक चुनौती होगी।' लेकिन, 'अर्नस्ट और यंग' की रिपोर्ट की मानें तो वैश्विक निवेशक अभी अनिर्णय की स्थिति में हैं।

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