भारत के लिए पाक नहीं चीन बना है चिंता का विषय: अमेरिकी थिंक टैंक
पाकिस्तान की बजाय चीन का आक्रामक रुख भारत के लिए सुरक्षा के लिहाज से चिंता का बड़ा कारण है। एक अमेरिकी थिंक टैंक ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चीन वैश्विक स्तर पर भारत की पहचान को स्वीकार नहीं करता है। 'ग्रोइंग कम्पलेक्सिटीज ऑफ सीनो इंडिया टाइज' नाम से तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा समय मे
वाशिंगटन। पाकिस्तान की बजाय चीन का आक्रामक रुख भारत के लिए सुरक्षा के लिहाज से चिंता का बड़ा कारण है। एक अमेरिकी थिंक टैंक ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चीन वैश्विक स्तर पर भारत की पहचान को स्वीकार नहीं करता है।
'ग्रोइंग कम्पलेक्सिटीज ऑफ सीनो इंडिया टाइज' नाम से तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा समय में भारत की चिंता का प्रमुख विषय पाकिस्तान का कमजोर होना नहीं बल्कि चीन का तेजी से मुखर होना है। चीन क्षेत्रीय और वैश्विक शक्ति संतुलन के ढांचे को नया आकार देना चाहता है। यह भारतीय हितों के लिए घातक होगा।'
यूएस आर्मी कॉलेज के स्ट्रैटेजिक स्टडीज इंस्टीट्यूट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चीन के साथ भारत के रिश्ते समय के साथ साथ प्रतिस्पर्धात्मक होते जा रहे हैं। भारत के नीति निर्धारकों का मानना है कि चीन उसके केंद्रीय सुरक्षा हितों को लेकर संवेदनशील नहीं है। साथ ही वह वैश्विक स्तर पर भारत की पहचान को स्वीकार नहीं करता है।
लंदन के किंग्स कॉलेज में इंटरनेशनल रिलेशन के प्रोफेसर हर्ष वी पंत ने कहा, आंतरिक एकता और बाह्यं सहभागिता के आधार पर भारत ने देर से ही सही लेकिन चीन की वृद्धि को लेकर प्रतिक्रिया देना शुरू किया है। अमेरिका के साथ भारत के मजबूत होते रिश्ते ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। रिपोर्ट के मुताबिक, हाल के वर्षो में भारत-चीन रिश्ते उथलपुथल के दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में वाशिंगटन को मध्यस्थ के तौर पर महत्वपूर्ण भूमिका अदा करनी होगी। अमेरिका को चाहिए कि वह पूर्व और दक्षिणपूर्व एशिया में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए भारत को प्रोत्साहित करे।