चीन ने चुपचाप लद्दाख से सेना वापसी की बात स्वीकार की
बीजिंग। चीन ने सोमवार को लद्दाख की देपसांग घाटी से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की बात चुपचाप स्वीकार कर ली। उसने कहा कि भारत के साथ सीमा पर गतिरोध की घटना को दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए बातचीत के जरिये सुलझा लिया गया है।
बीजिंग। चीन ने सोमवार को लद्दाख की देपसांग घाटी से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की बात चुपचाप स्वीकार कर ली। उसने कहा कि भारत के साथ सीमा पर गतिरोध की घटना को दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए बातचीत के जरिये सुलझा लिया गया है।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुंगइन ने कहा, सीमाई क्षेत्र में किसी नतीजे पर न पहुंचने की स्थिति पर भारत और चीन ने द्विपक्षीय संबंधों के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए एक सहयोगात्मक एवं रचनात्मक रुख अपनाया। दोनों पक्षों ने खुद पर नियंत्रण रखा और कूटनीतिक चैनलों और सीमा वार्ताओं जैसी उपलब्ध व्यवस्थाओं के जरिये स्थिति उचित तरीके से संभाला। बीस दिनों तक दौलत बेग ओल्डी [डीबीओ] क्षेत्र में दोनों देशों की सेना के आमने-सामने रहने के बाद उनकी वापसी पर निर्णय के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में हुआ ने कहा, जहां तक मैं जानती हूं कि इस संदर्भ में हुई बातचीत लाभदायक रही। हम सीमा क्षेत्र में दोनों देशों के समान हितों का पोषण करने वाली शांति बनाए रखने में विश्वास करते हैं।
चीन सीमा से जुड़े सवाल का यथाशीघ्र परस्पर स्वीकार्य व उचित समाधान के लिए भारत से मिलकर काम करने को तैयार है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा लगाए गए तंबुओं को हटाने के बारे में और बताने के लिए दवाब डालने पर हुआ ने कहा, मुझे इसके बारे में ताजा जानकारी प्राप्त करने की जरूरत है।
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