आसियान में अपनी शर्ते मनवाने में कामयाब रहा चीन
दक्षिण चीन सागर पर चीन आखिरकार आसियान में अपनी शर्ते मनवाने में कामयाब रहा।
मनीला, एएफपी। दक्षिण चीन सागर पर चीन आखिरकार आसियान (दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की एसोसिएशन) में अपनी शर्ते मनवाने में कामयाब रहा। दो दिन की गहमागहमी और बैठकों के दौर के बाद रविवार को आसियान देशों ने बेहद हल्का साझा बयान जारी किया। इसमें ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया जिससे चीन नाराज न हो। आसियान में दस देश हैं।
बयान जारी करने से पूर्व आसियान विदेश मंत्रियों ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की और दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर वार्ता के उस फ्रेमवर्क पर सहमति व्यक्त की जिसमें चीन के पक्ष वाले प्रमुख बिंदुओं को शामिल किया गया है। बाद में पत्रकारों से बातचीत में वांग ने कहा कि यह हमारे संयुक्त प्रयासों का बेहद महत्वपूर्ण परिणाम है।
इससे पहले शनिवार को सम्मेलन के पहले दिन भी दक्षिण चीन सागर की स्थिति पर विचार हुआ। शाम को एक संयुक्त बयान भी जारी होना था, लेकिन उसके मसौदे पर सहमति नहीं बन पाई। रविवार सुबह विचार-विमर्श के बाद संयुक्त बयान जारी करने का कार्यक्रम बना, लेकिन दोपहर तक भी सदस्य देशों में सहमति नहीं बन पाई थी। रणनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण जल क्षेत्र पर दावा करने वाले वियतनाम ने संयुक्त बयान में चीनी अतिक्रमण पर कठोर भाषा का इस्तेमाल करने की बात कही तो चीन के मजबूत सहयोगी कंबोडिया ने उस पर आपत्ति जता दी। बैठक में शामिल एक राजनयिक ने बताया कि वियतनाम अपने रुख पर अड़ा हुआ था जबकि कंबोडिया चीन के हितों की पैरोकारी कर रहा था। जबकि, फिलीपींस फायदा उठाने वाले बिचौलिये के रूप में अपनी भूमिका अदा कर रहा था। उल्लेखनीय है कि आसियान के सदस्य देश वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया और ब्रूनेई इस समय अपनी जल सीमा के अधिग्रहण का खतरा झेल रहे हैं। चीन दक्षिण चीन सागर के ज्यादातर हिस्से पर अपना अधिकार बताता है। इस दावे के साथ ही उसने कई महत्वपूर्ण स्थानों पर कृत्रिम द्वीप बनाकर वहां अपनी सेना तैनात कर दी है।
एशिया प्रशांत क्षेत्र के सुरक्षा परिदृश्य में आसियान का केंद्रीय स्थान
भारत ने रविवार को कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र के सुरक्षा परिदृश्य में आसियान का केंद्रीय स्थान है। इसमें दुनिया के व्यापक हितों को प्रदर्शित करने की विशिष्ट क्षमता है। १५वीं आसियान-भारत विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा कि पिछले ५० सालों में आसियान ने क्षेत्र के उपनिवेशवाद के बाद की कई चर्चाओं को पीछे छोड़ दिया है। बता दें कि भारत आसियान के साथ गठजोड़ की २५वीं वर्षगांठ मना रहा है।