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गूगल की परंपरा तोड़ सुंदर पिचाई ने कर्मचारियों को लिखा पत्र

गूगल के सीईओ सुंदर पिचई को आगे चलकर कंप्यूटर का भविष्य नहीं नजर आ रहा है। उनके मुताबिक आगे की सोचें तो इस डिवाइस ([कंप्यूटर)] का कॉन्सेप्ट ही खत्म हो जाएगा।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Sat, 30 Apr 2016 12:59 AM (IST)Updated: Sat, 30 Apr 2016 01:14 AM (IST)
गूगल की परंपरा तोड़ सुंदर पिचाई ने कर्मचारियों को लिखा पत्र

सैन फ्रांसिस्को (एजेंसी)। गूगल के सीईओ सुंदर पिचई को आगे चलकर कंप्यूटर का भविष्य नहीं नजर आ रहा है। उनके मुताबिक आगे की सोचें तो इस डिवाइस ([कंप्यूटर)] का कॉन्सेप्ट ही खत्म हो जाएगा। पिचाई ने बात गूगल के कर्मचारियों को लिखे एक पत्र में कही है। पिचाई ने कहा कि आगे चलकर कंप्यूटर एक इंटेलीजेंट असिसटेंट होगा, जो हर काम में आपकी मदद करेगा। उन्होंने गूगल के संस्थापकों, लेरी पेज और सर्गेइ बिन के पत्र लिखने की पंरपरा को भी तो़ड़ा। आम तौर पर वे ही गूगल के कर्मचारियों को पत्र लिखते हैं।

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टचस्क्रीन की भूमिका

पिचाई के मुताबिक स्मार्टफोन टचस्क्रीन के बदले आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस निराकार ([वर्चुअल)] कंप्यूटर को ताकत दे रहे हैं। हम 'मोबाइल फ‌र्स्ट'Þ के बदले 'आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस फ‌र्स्ट व‌र्ल्ड'Þ में पहुंचेगे। टेक्नोलॉजी एक लोकतांत्रिक ताकत है, जो सूचनाओं के जरिए लोगों को ये सशक्त बना रही है। गूगल एक सूचना देने वाली कंपनी है। पत्र की शुरआत में लेरी पेज गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई के काम की तारीफ भी करते हैं। पिचाई का फोकस एरिया

-- हर किसी के लिए ज्ञान, खोज और मदद

-- मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी

-- ज्यादा अच्छे कंटेंट और खास उद्यमिता पर जोर

-- ज्यादा ताकतवर कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म बनाना

ज्यादा से ज्यादा लोगों के लिए प्रोडक्ट बनाना भविष्य ऑटोमेशन का: सिक्का

इन्फोसिस के सीईओ विशाल सिक्का का कहना है कि एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी ([कृत्रिम बुद्घि)] में सक्षम ऑटोमेशन आईटी इंडस्ट्री के भविष्य के तौर पर सामने आया है। जाहिर है, आगे चलकर सबसे ज्यादा इसी पर फोकस करना होगा। सिक्का ने एक ई--मेल के जरिए कर्मचारियों से कहा है, 'हमारे सारे क्लाइंट्स हमसे इनोवेशन ([नई खोज)] की उम्मीद करते हैं। खास तौर पर कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी के मामले में। उनकी नजर अब आय पर नहीं, बल्कि वैल्यू पर है।'Þ

वक्त की जरूरत

सिक्का ने कहा कि एक बड़ी कंपनी ने हाल ही में इन्फोसिस को कृत्रिम बुद्घि में सक्षम ऑटोमेशन के जरिए मदद के बारे में लिखा है। उन्हें आईटी सिस्टम्स नहीं, बल्कि मेकेनिकल और इंडस्टि्रयल सिस्टम्स में ऑटोमेशन आधारित टेक्नोलॉजी चाहिए। सिक्का ने कहा कि क्लाइंट्स लागत में भी भारी-भरकम कटौती की इच्छा रखते हैं। सिक्का के मुताबिक ये जरूरतें ऑटोमेशन के जरिए पूरी की जानी है। वो भी कृत्रिम बुद्घि में सक्षम टेक्नोलॉजीज के माध्यम से, जो हमारे उद्योग के लिए ब़़डी चुनौती है। एआई ऑटोमेशन से तात्पर्य सिक्का ने कहा, 'जाहिर है, हमें मांग के मुताबिक इनोवेशन के लिए ब़़डे पैमाने पर ऑटोमेशन की राह चलना होगा।

एक बार यदि लोगों ने इसे अंजाम दे दिया, तो दोबारा कभी भी इसके लिए इंसानों की जरूरत नहीं होनी चाहिए। यह अनिवार्य रूप से हमारी आकांक्षा होनी चाहिए।'Þ उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियली इंटेलीजेंट ऑटोमेशन का मतलब कर्मचारियों को काम से हटाना नहीं है, बल्कि इसका यह अर्थ है कि सभी काम ऑटोमेटिक तरीके से होते रहें, ताकि कर्मचारियों को नई खोज करने के लिए भरपूर वक्त मिले।


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