एशियाई तय करेंगे ब्रिटेन के अगले आम चुनाव का भविष्य
लंदन। ब्रिटेन में 2015 में होने वाले अगले आम चुनावों का भविष्य एशियाई और अश्वेत मतदाता तय करेंगे। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। ब्रिटेन में कई समुदायों में निष्पक्ष मतदान के लिए अभियान चलाने वाले, क्रास-पार्टी ग्रुप आपरेशन ब्लैक वोट [ओबीवी] के अध्ययन में यह पाया गया है कि अधिकतर सीटों के परिणाम जातीय अल्पसंख्यक मतदाताओं के हाथ
लंदन। ब्रिटेन में 2015 में होने वाले अगले आम चुनावों का भविष्य एशियाई और अश्वेत मतदाता तय करेंगे। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है।
ब्रिटेन में कई समुदायों में निष्पक्ष मतदान के लिए अभियान चलाने वाले, क्रास-पार्टी ग्रुप आपरेशन ब्लैक वोट [ओबीवी] के अध्ययन में यह पाया गया है कि अधिकतर सीटों के परिणाम जातीय अल्पसंख्यक मतदाताओं के हाथ में होंगे। 2010 के आम चुनावों की तुलना में इन मतदाताओं की संख्या में 70 फीसद इजाफा हुआ है।
ओबीवी के प्रवक्ता सिमोन वूले ने बताया, इससे पहले अश्वेत मतदाता कभी भी इतने ताकतवर नहीं थे। यह ऐसे लोगों के लिए अच्छी खबर है जिनका यह मानना है कि वे बदलाव नहीं ला सकते हैं। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि इस स्थिति का राजनीतिक फायदा उठाने के लिए बहुत से लोग बराबरी के दर्जे की मांग करेंगे। यह अध्ययन राजनीतिक गेम-चेंजर है। यदि जातीय अल्पसंख्यक समुदायों और राजनीतिज्ञों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी तो निश्चित ही लोकतंत्र जीतेगा।
अध्ययन बताता है कि 168 सीटों पर मामूली अंतर से जीतने वाले मौजूदा बहुसंख्यक सांसदों के क्षेत्रों में जातीय अल्पसंख्यक मतदाताओं की संख्या अधिक हो गई है। वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार ब्रिटेन में जातीय अल्पसंख्यकों की संख्या सात फीसद थी जो 2011 की जनगणना में बढ़कर 11 प्रतिशत हो गई। अध्ययन के अनुसार, जातीय अल्पसंख्यक मतदाता सबसे ज्यादा मिडलैंड से साउथ कोस्ट, ईस्ट एंजिला और उत्तर-पूर्व की सीटों के परिणामों को प्रभावित करेंगे। मतदाता संख्या में बढ़ोत्तरी के अलावा वे भीतरी शहरों की मामूली अंतर वाली अधिकतर सीटों के भी भविष्य निर्धारक साबित हो सकते हैं। यही कारण 2015 में उनकी चुनावी महत्ता को बढ़ाएंगे।
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