ओसामा बिन लादेन के बाद भी खत्म नहीं हुआ अलकायदा का खौफ
इस्लामिक स्टेट के वजूद में आने के बाद अस्तित्व के संकट से जूझ रहे अलकायदा का खौफ अब भी लोगों के मन में बना हुआ है।
दुबई, एएफपी : अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के पांच साल बाद भी इस आतंकी संगठन का खौफ कायम है। हालांकि उसे कई बड़े झटके लगे और एक अन्य आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) के सामने अपना अस्तित्व बचाने के लिए जूझना पड़ा।
विशेषज्ञों के अनुसार आइएस के कई देशों में विस्तार के बावजूद अलकायदा गंभीर खतरा बना हुआ है। पेरिस में शार्ली अब्दो पत्रिका के कार्यालय पर हमला और पश्चिम अफ्रीका में फायरिंग की घटनाओं से दर्शा दिया कि वह पुराने अंदाज में हमले कर सकता है। सीरिया, यमन में आइएस की मौजूदगी के बावजूद अलकायदा का प्रमुख इलाके पर कब्जा है।
लादेन ने 1980 के दशक में अलकायदा की स्थापना की थी। उसे अमेरिकी विशेष बलों ने दो मई, 2011 को पाकिस्तान में ढेर कर दिया था। इसके बाद अलकायदा को कई झटके लगे। बड़ी संख्या में उसके आतंकवादी और नेता मारे या पकड़े गए। अयमान अल-जवाहिरी को नया सरगना बनाए जाने पर अलकायदा में असहमति उभरी। इराक का गुट अलग होकर इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवांट (आइएसआइएल) के रूप में उभरा।
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उधर आइएस अपने पुराने सहयोगी संगठनों को प्रभावहीन करते हुए तेजी से प्रभाव क्षेत्र बढ़ाता गया। उसने हजारों आतंकियों की भर्ती की और ब्रसेल्स, पेरिस, ट्यूनीशिया, तुर्की, लेबनान, यमन, सऊदी अरब में हुए हमलों की जिम्मेदारी ली।
पेरिस में इस्लाम और जिहादी समूहों के विशेषज्ञ जीन पियरे फिलियू ने कहा कि नई संचार तकनीक अपनाने के कारण आइएस अलकायदा पर भारी पड़ रहा है। अलकायदा सोशल नेटवर्क से पूरी तरह साफ हो गया। हर जगह अलकायदा ने आइएस के हाथों जमीन गंवा दी।
वाशिंगटन स्थित ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूट के विलियम मैकेंट्स का कहना है कि अलकायदा ने कुछ जमीन जरूर गंवाई थी लेकिन उसे वापस पा लिया है।