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Water Crisis: उत्‍तराखंड के इस शहर में छूटने लगे नलकूप के पसीने, हजारों के सूखे हलक

Water Crisis गर्मी के आगमन की आहट भांपते हुए हल्द्वानी के नलकूपों का पसीना भी छूटना शुरू हो गया है। चार दिन से नलकूप खराब होने की वजह से छह हजार से अधिक आबादी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सिंचाई विभाग का नलकूप होने की वजह से संबंधित विभाग ही इसे ठीक करवा रहा है। लोगों को किराए पर टैंकर मंगवाने पड़ रहे हैं।

By sumit joshi Edited By: Nirmala Bohra Published: Thu, 28 Mar 2024 01:33 PM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2024 01:33 PM (IST)
Water Crisis: उत्‍तराखंड के इस शहर में छूटने लगे नलकूप के पसीने, हजारों के सूखे हलक
Water Crisis: गर्मी का अहसास, छूटने लगे नलकूप के पसीने

जासं, हल्द्वानी : Water Crisis: सूर्य प्रचंड प्रकोप की ओर बढ़ने का एहसास करा रहा है। तापमान में लगातार हो रही वृद्धि लोगों को परेशान करने लगी है। ऐसे में गर्मी के आगमन की आहट भांपते हुए हल्द्वानी के नलकूपों का पसीना भी छूटना शुरू हो गया है।

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दमुवाढूंगा वन चौकी का ट्यूबवेल ठीक होते ही छड़ायल सुयाल इलाके में पेयजल संकट शुरू हो गया है। चार दिन से नलकूप खराब होने की वजह से छह हजार से अधिक आबादी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

चार दिन से यह नलकूप खराब

छड़ायल सुयाल क्षेत्र में स्थित सिंचाई विभाग के नलकूप से हिमालयन कालोनी, रिया पैलेस के पास और बिडला स्कूल तक एक दर्जन से अधिक छोटी-बड़ी कालोनियों तक पेयजल आपूर्ति होती है, मगर चार दिन से यह नलकूप खराब है।

तब से संबंधित इलाके में पानी का संकट भी उत्पन्न हो गया है। सिंचाई विभाग का नलकूप होने की वजह से संबंधित विभाग ही इसे ठीक करवा रहा है। ऐसे में जल संस्थान टैंकरों के माध्यम से प्रभावितों को पानी भेज रहा है, मगर दैनिक जरूरत के अनुसार पर्याप्त पानी नहीं मिलने से लोगों को किराए पर टैंकर मंगवाने पड़ रहे हैं।

वहीं, सरकारी टैंकरों के पास लाइन में लगकर पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है। गर्मी के प्रारंभ में इस प्रकार की स्थितियों को देख उपभोक्ताओं की चिंताएं भी बढ़ गई हैं। इधर, हल्द्वानी के अंतिम छोर वाले कुछ क्षेत्रों में भी पानी के कम प्रेशर की समस्या बनी हुई है।

छड़ायल सुयाल में नलकूप खराब हो गया है। यह सिंचाई नलकूप है और संबंधित विभाग के स्तर से उसे ठीक करने का काम शुरू कर दिया गया है। हम प्रभावित इलाकों में टैंकर भेज रहे हैं। - एमसी सती, कनिष्ठ अभियंता, जल संस्थान


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