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Uttarakhand News: बाबा तरसेम के हत्यारों का खालिस्तान कनेक्शन तो नहीं, कनाडा में बैठे सिख संगठन के सरगनाओं पर भी गहराया शक

नानकमत्ता गुरुद्वारे के डेरा कारसेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या सुनियोजित ढंग से की गई है। उनके हत्यारों के तार खालिस्तान से जुड़े होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। पुलिस इस दिशा पर काम कर रही है। भाजपा से नजदीकी के चलते भी बाबा तरसेम अपने कई फैसलों से विरोधियों के निशाने पर रहे हैं। उन पर किसान आंदोलन में शामिल होने का भारी दबाव रहा।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Published: Fri, 29 Mar 2024 06:00 AM (IST)Updated: Fri, 29 Mar 2024 06:00 AM (IST)
Uttarakhand News: बाबा तरसेम के हत्यारों का खालिस्तान कनेक्शन तो नहीं, कनाडा में बैठे सिख संगठन के सरगनाओं पर भी गहराया शक
नानकमत्ता गुरुद्वारे के डेरा कारसेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या सुनियोजित ढंग से की गई है।

दीप बेलवाल, हल्द्वानी/देहरादून। नानकमत्ता गुरुद्वारे के डेरा कारसेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या सुनियोजित ढंग से की गई है। उनके हत्यारों के तार खालिस्तान से जुड़े होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। पुलिस इस दिशा पर काम कर रही है। दरअसल, भाजपा से नजदीकी के चलते भी बाबा तरसेम अपने कई फैसलों से विरोधियों के निशाने पर रहे हैं। उन पर किसान आंदोलन में शामिल होने का भारी दबाव रहा। मगर वे अपने निर्णय पर अडिग रहे थे।

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बाबा तरसेम सिंह के बेहद करीबी रहे एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि गुरुद्वारा के प्रबंध कमेटी के लिए वर्चस्व की लड़ाई रहती थी। बाबा का दखल कई बड़े क्रियाकलापों पर रहता था। उनका चहेता अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारी बन जाते थे। दिल्ली में जिस समय किसानों का बड़ा आंदोलन चल रहा था। उस समय तरसेम पर आंदोलन में शामिल होने का दबाव था, लेकिन वह आंदोलन के चक्कर में नहीं पड़ना चाहते थे। वह सिख समुदाय के नियमों का पालन तो करते ही थे। इसके साथ ही आरएसएस विचारधारा को भी अपनाते थे। डेरे पर कई वर्ष पहले एक तस्वीर हुआ करती थी, जिसे तरसेम ने हटा दिया गया था।

बाबा तरसेम के कई फैसले ऐसे थे, जिसे कुछ लोग पचा नहीं पाए थे। इसलिए उन्हें टारगेट कर धमकियां दी जाती थी। बाबा की हत्या को ठीक उसी तरह अंजाम दिया गया है, जिस तरीके से काशीपुर में स्टोन क्रशर स्वामी महल सिंह की मौत के घाट उतारा गया। दोनों शूटर हत्या के बाद ऐसे ही भागे थे। जिनका कनेक्शन कनाडा में बैठे सिख फार जस्टिस के अर्शदीप ढल्ला व गुरपतवंत सिंह पन्नू से रहा। इसलिए पुलिस इस हत्याकांड का खालिस्तान कनेक्शन जोड़कर भी जांच कर रही है।


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