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Upendra Kushwaha: उपेंद्र कुशवाहा का राजद-जदयू के नेतृत्व पर कटाक्ष, बोले- शोषित वही हैं, शोषक बदल गए

जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने एक बार फिर राजद और जदयू नेतृत्व पर कटाक्ष किया है। गुरुवार को समाजवादी नेता जगदेश प्रसाद की जयंती पर आयोजित समारोह में कुशवाहा ने कहा कि बेशक दस प्रतिशत लोग आज भी शोषक हैं।

By Arun AsheshEdited By: Yogesh SahuFri, 03 Feb 2023 01:07 AM (IST)
Upendra Kushwaha: उपेंद्र कुशवाहा का राजद-जदयू के नेतृत्व पर कटाक्ष, बोले- शोषित वही हैं, शोषक बदल गए
Upendra Kushwaha: उपेंद्र कुशवाहा का राजद-जदयू के नेतृत्व पर कटाक्ष, बोले- शोषित वही हैं, शोषक बदल गए

राज्य ब्यूरो, पटना। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने राजद की ओर से छिड़ी बहस- सौ में नब्बे शाेषित हैं, नब्बे भाग हमारा है, को नया मोड़ दे दिया है। समाजवादी नेता जगदेश प्रसाद ने कभी यह नारा दिया था। गुरुवार को उनकी जयंती पर आयोजित समारोह में कुशवाहा ने कहा कि बेशक दस प्रतिशत लोग आज भी शोषक हैं। पिछले 35 वर्षों में शोषक बदल गए हैं। शोषण जारी है।

कुशवाहा का इशारा राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर था। उन्होंने कहा कि सत्ता में बदलाव हुआ। मगर, उसका लाभ अति पिछड़ों, अनुसूचित जातियों और गरीबों को नहीं मिला। पंद्रह साल तक सत्ता एक परिवार (लालू प्रसाद का परिवार) में सिमटी रही। फिर परिवर्तन हुआ तो नीतीश कुमार के हाथ में आ गई।

डील सार्वजनिक करने की मांग

राजद-जदयू के बीच कथित डील की चर्चा करते हुए उपेंद्र ने कहा कि आज फिर उसी परिवार को सत्ता सौंपने की तैयारी चल रही है। हमारी चिंता यही है। लोग अंधकार में हैं। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि राजद के लोग कह रहे हैं कि नीतीश पटना की सत्ता तेजस्वी यादव को सौंपकर दिल्ली की राजनीति करें। यही डील हुई है। इसीलिए हम डील को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हमारी मांग पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह जवाब नहीं दे रहे हैं। इसके कारण लोगों के मन में संशय पैदा हो रहा है। जदयू की मनाही के बावजूद कुशवाहा महात्मा फुले समता परिषद की ओर से आयोजित समारोह में गए।

क्या सत्ता का हस्तांतरण एक परिवार के लिए हुआ था? 

जदयू के प्रदेश कार्यालय में भी जयंती समारोह का आयोजन था। कुशवाहा उसमें नहीं गए थे। उन्होंने कहा कि राजद हो या जदयू किसी ने अत्यंत पिछड़ों और अनुसूचित जाति को नेतृत्व वर्ग में शामिल नहीं किया। उन्होंने समारोह में शामिल लोगों से प्रश्न किया कि क्या सत्ता का हस्तांतरण एक परिवार के लिए हुआ था?