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UP Politics: लखनऊ में गैर कांग्रेसवाद की नींव रखने वाले टंडन घराने की क्या खत्म हो गई राजनीतिक विरासत !

UP Politics 1962 और 1968 में सभासद निर्वाचित होने के साथ ही लालजी टंडन का राजनीतिक सफर आगे बढ़ता ही गया। वह लखनऊ की राजनीति का केंद्र बने रहे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के खास रहे टंडन ने सभासद से लेकर राज्यपाल की जिम्मेदारी संभाली थी। बीमारी के कारण अटल बिहारी वाजपेयी ने 2009 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा तो पार्टी ने लालजी टंडन को मैदान में उतारा था।

By Jagran News Edited By: Swati Singh Published: Wed, 17 Apr 2024 03:04 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2024 03:04 PM (IST)
UP Politics: लखनऊ में गैर कांग्रेसवाद की नींव रखने वाले टंडन घराने की क्या खत्म हो गई राजनीतिक विरासत !
लखनऊ में गैर कांग्रेसवाद की नींव रखने वाले टंडन घराने की क्या खत्म हो गई राजनीतिक विरासत !

अजय श्रीवास्तव, लखनऊ। 1962 में लखनऊ में गैर कांग्रेसवाद की नींव रखने वाले लालजी टंडन परिवार की राजनीतिक विरासत खत्म होने के कयास लगाए जा रहे हैं। टंडन के बाद उनके पुत्र आशुतोष टंडन ने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का काम किया, लेकिन आशुतोष के निधन के बाद यह चर्चा थी कि उनके छोटे भाई अमित टंडन को पूर्वी विधानसभा सीट से टिकट मिलेगा, वह सक्रिय भी दिख रहे थे और कार्यकर्ताओं के साथ ही चुनाव तैयारी की बैठकें भी कर रहे थे।

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भाजपा विधायकों की बैठक में वह पूर्वी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते दिखते थे। पार्टी नेताओं का एक वर्ग उनके पक्ष में खड़ा था कि टंडन परिवार के योगदान को देखते हुए अमित को टिकट मिलना चाहिए। मंगलवार सुबह आई उम्मीदवारों की सूची ने साफ कर दिया कि पार्टी नए चेहरे की ओर देखना चाहती है। भाजपा ने ओपी श्रीवास्तव को टिकट देकर अमित टंडन को लेकर लंबे समय से चल रही चर्चाओं पर विराम लगा दिया।

ऐसे बढ़ा लालजी टंडन का कद

1962 और 1968 में सभासद निर्वाचित होने के साथ ही लालजी टंडन का राजनीतिक सफर आगे बढ़ता ही गया। वह लखनऊ की राजनीति का केंद्र बने रहे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के खास रहे टंडन ने सभासद से लेकर राज्यपाल की जिम्मेदारी संभाली थी। दो बार विधान परिषद सदस्य रहने के साथ ही वह कई बार मंत्री भी रहे थे। बीमारी के कारण अटल बिहारी वाजपेयी ने 2009 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा तो पार्टी ने लालजी टंडन को मैदान में उतारा था।

अमित ने दी ये प्रतिक्रिया

सोंधी टोला पर अमित टंडन से टंडन परिवार के शुभचिंतक पहुंचे और कई ने कई तरह के सुझाव भी दिए, लेकिन अमित ने कहा कि पार्टी का निर्णय सर्वोच्च है और वह भाजपा में सक्रिय भूमिका में बने रहेंगे।

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