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UP News: CBI ने शुरू की झांसी के डाकघरों से 64 लाख हड़पे जाने की जांच, फर्जी चेकों के माध्यम से की थी धोखाधड़ी

सीबीआई ने झांसी के डाकघरों से कूटरचित चेकों के माध्यम से 64 लाख रुपये हड़पे जाने के मामले की जांच आरंभ की है। सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने 14 आरोपितों के विरुद्ध धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की है।

By Alok MishraEdited By: Shivam YadavPublished: Wed, 07 Jun 2023 01:46 AM (IST)Updated: Wed, 07 Jun 2023 01:46 AM (IST)
UP News: CBI ने शुरू की झांसी के डाकघरों से 64 लाख हड़पे जाने की जांच, फर्जी चेकों के माध्यम से की थी धोखाधड़ी
एंटी करप्शन ब्रांच ने 14 आरोपितों के विरुद्ध धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की है।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो: सीबीआई ने झांसी के डाकघरों से कूटरचित चेकों के माध्यम से 64 लाख रुपये हड़पे जाने के मामले की जांच आरंभ की है। सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने 14 आरोपितों के विरुद्ध धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की है। बैंक अधिकारी डाकघरों से हड़पी गई रकम को लेकर कई और चेकाें को सत्यापित कराने का प्रयास कर रहे हैं। हड़पी गई रकम और बड़ी भी हो सकती है।

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झांसी के सीनियर सुपरिटेंडेंट पोस्ट ऑफिसर बीके पांडेय ने 25 जुलाई 2022 को मामले की शिकायत सीबीआई से की थी। इसके अलावा छह सरकारी कर्मचारियों ने भी अलग-अलग तिथियों में शिकायत की थी। झांसी के प्रधान डाकघर व अन्य उप डाकघरों में अरुण कुमार, ए.कुमार, अनिल राजपूत के नामों से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सात बचत खाते खुलवाए गए थे। 

आरोप है कि बचत खातों में रकम चेक के जरिए जमा की गई और निकाली गई। डाकघर से जारी चेकों में अंकों व शब्दों में लिखी धनराशि में हेराफेरी कर भुगतान लिया गया। मामले की शुरुआती जांच में सामने आया था कि झांसी के निवासी अरुण कुमार ने दो फरवरी, 2016 को उप डाकघर में बचत खाता खुलवाया था। जिसमें 19 मई, 2016 तक 1.30 लाख रुपये जमा किए गए। 

इसी अवधि में इस खाते से 1.29 लाख रुपये का भुगतान झांसी के प्रधान डाकघर द्वारा जारी पांच चेकों के माध्यम से प्राप्त किया गया। जालसाज अरुण ने प्राप्त चेकों में कूटरचना करके उसकी राशि बढ़ा दी आैर उन्हें प्रधान डाकघर व उप डाकघर के दो बचत खातों में लगाया गया। भारतीय स्टेट बैंक की झांसी शाखा से चेक क्लियर होने के उपरांत कुल 37 लाख रुपये का भुगतान करा लिया गया। 

ऐसे ही अन्य खातों से भी कूटरचित चेकों के माध्यम से रकम हड़पी गई। पूरे मामले में डाकघर व बैंक के अधिकारियों व कर्मियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। अब सीबीआइ उनकी भी छानबीन करेगी। अशोक कुमार ने अपने नाम से कई फर्जी खाते खोले थे, जिनमें पिता का नाम व पता बदल दिया गया था। ऐसे ही अन्य आरोपितों ने भी एक नाम से कई खाते खोले थे। आरोपितों के पते झांसी के अलावा ललितपुर, जालौन, आगरा व मध्य प्रदेश के दर्ज कराए गए हैं।


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