Kaimoor News: रामगढ़ में छात्रा का अपहरण करने वाले दो अपहरणकर्ता गिरफ्तार, 15 पहले बनाया था प्लान
बीते दो दिनों तक पुलिस इस घटना का उद्भेदन करने में परेशान रही। हालांकि 24 घंटे के अंदर छात्रा को सकुशल बरामद कर लिया। फिर भी इस घटना को अंजाम देने वाले गिरोह के सभी लोगों को पकड़ने के लिए पुलिस छापेमारी करती रही।
भभुआ, जागरण संवाददाता। जिले के रामगढ़ प्रखंड मुख्यालय में स्थित सरस्वती शिशु मंदिर से बीते 29 सितंबर को एक छात्रा के अपहरण की घटना ने कैमूर पुलिस की नींद उड़ा दी थी। बीते दो दिनों तक पुलिस इस घटना का उद्भेदन करने में परेशान रही। हालांकि 24 घंटे के अंदर छात्रा को सकुशल बरामद कर लिया। फिर भी इस घटना को अंजाम देने वाले गिरोह के सभी लोगों को पकड़ने के लिए पुलिस छापेमारी करती रही। घटना के तीन दिन बाद शनिवार को एसपी राकेश कुमार ने पूरी घटना और अनुसंधान के बारे में जानकारी दी।
इसमें यह बात सामने आई कि फिरौती के लिए छात्रा का अपहरण किया गया। इस घटना में पुलिस ने फिलहाल दो अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों में मोहनियां थाना क्षेत्र के गौरा गांव निवासी राम व्यास सिंह का पुत्र बिट्टू यादव उर्फ भोलानाथ यादव तथा रामगढ़ थाना क्षेत्र के जमुरना गांव निवासी स्व. बड़े लाल सिंह का पुत्र नीरज कुमार शामिल हैं। इनके पास से एक इंडिका कार, दो मोबाइल, 30 रुपये व एक कड़ा बरामद किया है। कार भी चोरी की प्रतीत हो रही है, इसलिए पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है।
स्कूल का सीसीटीवी कैमरा रहा बंद, दुकान के कैमरे बने सहारा
जब छात्रा के अपहरण की घटना का मामला सामने आया। तब उसके पिता ने पुलिस को इस बात की जानकारी दी। जानकारी होते ही पुलिस गंभीर हुई और अनुसंधान शुरू किया गया। अनुसंधान के क्रम में पुलिस को स्कूल से कोई सुराग नहीं मिला, क्योंकि स्कूल का सीसीटीवी कैमरा बंद था। तब पुलिस ने पास की एक दुकान में लगे कैमरे को खंगाला। इसमं एक व्यक्ति बच्ची को ले जाते हुए नजर आया।
अपहरण से पहले अपहरणकर्ताओं ने की रेकी
अपहरण पूर्व अपहरणकर्ताओं ने बच्ची के स्कूल के क्लास रूम की रेकी की। इसमें उन्होंने देखा कि वर्ग शिक्षक कब आते हैं, कब जाते हैं। अपहरणकर्ता घर जा कर भी बच्ची को चाकलेट और बिस्किट देते थे। जब छात्रा अपहरणकर्ताओं को अपना समझने लगी तो इस घटना को अंजाम दिया गया। सीसीटीवी फुटेज के अनुसार छात्रा का 29 सितंबर की सुबह लगभग 9:13 से 9:17 के बीच अपहरण किया गया।
जिले की सभी सीमा सील कर शुरू की गई चेकिंग
घटना की जानकारी होने के बाद पुलिस ने जांच पड़ताल की। इसके बाद जिले के सभी थाने की सीमा को सील कर चेकिंग शुरू की गई। इसके लिए एसपी ने विशेष टीम का गठन किया गया। इस दौरान कई जगहों पर छापेमारी भी की गई, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
चाचा के मोबाइल पर किए गए फोन का नंबर अनुसंधान का बना आधार
अपहरणकर्ता जब छात्रा को लेकर निकले तो उसके चाचा के मोबाइल पर फोन कर फिरौती की राशि मांगी। उसी नंबर से पुलिस को अनुसंधान में आधार मिला। पुलिस ने उस नंबर को ट्रेस किया और सर्विलांस के आधार पर कार्रवाई शुरू की। तकनीकी अनुसंधान के क्रम में टाल प्लाजा सासाराम के सीसीटीवी फुटेज का अवलोकन किया गया। तब पता चला कि एक इंडिका कार 10:31 बजे पूर्वाह्न वहां पहुंची है, जिसमें एक व्यक्ति व बच्ची दिखाई दे रहे हैं। इसके बाद वही गाड़ी 1:25 मिनट पर टाल प्लाजा आमस गया और 3:31 बजे बरही हजारीबाग पहुंची है। तीनों जगहों के सीसीटीवी फुटेज में वही व्यक्ति व छात्रा कार में मौजूद दिखे।
पुलिस अनुसंधान के दौरान ही 30 सितंबर की सुबह छह बजे झारखंड प्रांत के कुज्जू थाना क्षेत्र में अपहरणकर्ता का मोबाइल लोकेशन मिला। लोकेशन बार-बार बदल रहा था। तब एसपी कैमूर ने रामगढ़ व बोकारो के एसपी से सहयोग करने की बात कही। तब कैमूर की पुलिस टीम व बोकारो व रामगढ़ की पुलिस ने कुज्जू थाना क्षेत्र के कोयला मंडी में खड़ी एक इंडिका कार को घेर लिया। जिसमें से छात्रा को सकुशल बरामद करते हुए बिट्टू यादव को गिरफ्तार कर लिया।
15 दिन पहले बनाई थी अपहरण की योजना
बिट्टू यादव ने बताया कि उसने अपने साथी नीरज कुमार के साथ 15 दिन पहले इस घटना की योजना बनाई थी। पिछले सात दिन से अपहरण करने की फिराक में थे, लेकिन सफल नहीं हो पाए। 29 सितंबर को यह अपने कार्य में सफल हो गए। इसके बाद रामगढ़ क्षेत्र में सनसनी फैल गई।
रास्ते में बिट्टू ने आठ लोगों से किया संपर्क
अपहरणकर्ता बिट्टू ने बताया कि नीरज से यह तय था कि छात्रा को लेकर आने के दौरान सासाराम टाल प्लाजा पर वह मिलेगा। लेकिन लोगों की आवाजाही के चलते वह नहीं मिल सका। तब टाल प्लाजा पार करने के बाद बिट्टू ने आठ लोगों से मोबाइल पर संपर्क किया। इसके बाद वह बच्ची को लेकर सीधे कुज्जू चला गया। कुज्जू पहुंचने पर गाड़ी में पेट्रोल खत्म हो गया और उसके पास मात्र 30 रुपये ही था।
टीम में यह थे शामिल
एसपी द्वारा इस घटना का उद्भेदन करने के लिए टीम का गठन किया गया। डीएसपी मोहनियां के नेतृत्व में गठित टीम में पुलिस निरीक्षक इन्तेखाब अहमद, थानाध्यक्ष मोहनियां ललन कुमार, रामगढ़ थानाध्यक्ष राम कल्याण यादव, डीआइयू प्रभारी संतोष कुमार वर्मा आदि शामिल थे।