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आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर साढ़े तीन किमी क्षेत्र को रखा जाएगा ब्लॉक, होगी जगुआर-सुखोई की लैंडिंग

Agra-Lucknow Expressway लखनऊ एक्सप्रेस वे देश का पहला सबसे लंबा एक्सप्रेस वे है। इसकी लंबाई 302 किमी है। 21 नवंबर 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुभारंभ किया था। बांगरमऊ उन्नाव में साढ़े तीन किमी लंबी हवाई पट्टी बनी है। भारतीय वायु सेना ने छह लड़ाकू विमानों के एक समूह को उतारा था। इसमें सुखोई-30 एमके मिराज-2000 शामिल थे।

By amit dixit Edited By: Aysha Sheikh Published: Sat, 30 Mar 2024 11:07 AM (IST)Updated: Sat, 30 Mar 2024 11:07 AM (IST)
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर साढ़े तीन किमी क्षेत्र को रखा जाएगा ब्लॉक, होगी जगुआर-सुखोई की लैंडिंग
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर साढ़े तीन किमी क्षेत्र को रखा जाएगा ब्लॉक, होगी जगुआर-सुखोई की लैंडिंग

जागरण संवाददाता, आगरा। भारतीय वायु सेना लखनऊ एक्सप्रेस वे की आपातकालीन हवाई पट्टी, बांगरमऊ में तीसरी बार लड़ाकू विमानों का रिहर्सल करने जा रही है। छह और सात अप्रैल को जगुआर, सुखोई, मिराज-2000 सहित कई अन्य विमान लैंडिंग/ टच डाउन करेंगे। हरक्यूलिस सहित अन्य मालवाहक विमानों की लैंडिंग कराई जाएगी। ये नजारा कोई भी नागरिक आसानी से देख सकेंगे। एक से 10 अप्रैल तक बांगरमऊ, उन्नाव की हवाई पट्टी के साढ़े तीन किमी क्षेत्र को ब्लाक रखा जाएगा। वाहनों को सर्विस रोड से होकर गुजारा जाएगा।

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लखनऊ एक्सप्रेस वे देश का पहला सबसे लंबा एक्सप्रेस वे है। इसकी लंबाई 302 किमी है। 21 नवंबर 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुभारंभ किया था। बांगरमऊ, उन्नाव में साढ़े तीन किमी लंबी हवाई पट्टी बनी है। भारतीय वायु सेना ने छह लड़ाकू विमानों के एक समूह को उतारा था। इसमें सुखोई-30 एमके, मिराज-2000 शामिल थे।

अक्टूबर 2017 में दूसरी बार वायु सेना ने मिराज-2000, सुखोई, जगुआर, सी-130-जे हरक्यूलिस विमान की लैंडिंग/ टच डाउन हुआ था। वायु सेना अब तीसरी बार छह और सात अप्रैल को विमानों की लैंडिंग/ टच डाउन होगा। यह अभ्यास तीन से चार घंटे तक चलेगा। वायु सेना के अधिकारियों ने एक से 10 अप्रैल तक हवाई पट्टी को अपने कब्जे में ले लिया है।

सभी वाहनों को सर्विस रोड से होकर गुजारा जाएगा। उप्र एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के सुरक्षा अधिकारी आरएन सिंह ने बताया कि एक से पांच अप्रैल तक हवाई पट्टी क्षेत्र की सफाई और धुलाई कराई जाएगी। प्रेशर मशीनों का प्रयोग करके धूल को हटाया जाएगा और मार्किंग की जाएगी।

पट्टी के दोनों तरफ बैरिकेडिंग की जाएगी। इससे कोई भी पशु हवाई पट्टी की तरफ न आ सके। छह और सात अप्रैल को जगुआर, सुखोई-एमके 30, मिराज-2000, सी-130-जे हरक्यूलिस सहित अन्य विमान लैंडिंग/ टच डाउन करेंगे। इसे आसानी से देखा जा सकेगा।

बन रहा है रूट प्लान

लखनऊ एक्सप्रेस वे पर डायवर्जन होने से सबसे अधिक परेशानी पश्चिम बंगाल, बिहार औरर पूर्वांचल से दिल्ली आने-जाने वाले वाहन चालकों को होगी। इसे लेकर विशेष रूट प्लान बन रहा है।

यमुना एक्सप्रेस वे में उतर चुका है मिराज

भारतीय वायु सेना ने युद्ध जैसी आपात स्थिति में एक्सप्रेस वे या फिर हाईवे का किस तरीके से रन वे के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। इसका अभ्यास मई 2015 में पहले सैन्य उड्डयन के रूप में किया था। यमुना एक्सप्रेस वे में मिराज-2000 को उतारा गया था। इसी तरह से नेशनल हाईवे-19 में हेलीकाप्टर की लैंडिंग कराई गई थी।

आगरा में हैं तीन एक्सप्रेस वे

प्रदेश का पहला यमुना एक्सप्रेस वे आगरा में बना। लखनऊ एक्सप्रेस वे दूसरा और ग्वालियर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे तीसरा बन रहा है।


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