विदेश जाने की चाह नहीं हो रही थी पूरी, युवक ने फंदा लगाकर की आत्महत्या
कुछ सालों से युवाओं में विदेश जाने का क्रेज बढ़ गया है। 12वीं की पढ़ाई करते ही युवक विदेश जाने की तैयारी शुरू कर देते हैं। विदेश जाने का सपना पूरा न होते देख एक युवक ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
जागरण संवाददाता, कैथल : कुछ सालों से युवाओं में विदेश जाने का क्रेज बढ़ गया है। 12वीं की पढ़ाई करते ही युवक विदेश जाने की तैयारी शुरू कर देते हैं। विदेश जाने का सपना पूरा न होते देख एक युवक ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। युवक की पहचान गांव तारागढ़ निवासी 19 वर्षीय विरेंद्र के रूप में हुई। सूचना मिलने के बाद सिविल लाइन थाना पुलिस के एएसआइ कुलदीप मौके पर पहुंचे। पुलिस ने मृतक के छोटे भाई नरेंद्र के बयान दर्ज कर 174 के तहत कार्रवाई कर शव स्वजनों को सौंप दिया।
पुलिस को दिए बयान अनुसार विरेंद्र ने करीब एक साल पहले 12वीं पास की थी। उसके बाद से ही वह विदेश में जाने के लिए कोचिग ले रहा था। वह वर्क वीजा लगवाकर यूरोप जाना चाहता था। प्रयास करने के बाद भी वह विदेश जाने में सफल नहीं हो पा रहा था। परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी। वे दो भाई थे और दो बहनें हैं। करीब 15 साल पहले पिता सुरेश कुमार की मौत हो गई थी। विरेंद्र अविवाहित था और चार से पांच दिनों से उदास रहता था। स्वजनों से भी ठीक से बात नहीं करता था। खाना भी ठीक से नहीं खा रहा था। राहगीर ने दी पुलिस को सूचना
युवक का शव सेक्टर-18 के पार्क में एक पेड़ से लटका हुआ था। एक राहगीर वहां से गुजर रहा था तो उसने युवक को फंदे से लटके हुए देखा। मौके पर ही सिविल लाइन थाना पुलिस को सूचना दे दी गई थी। युवक के हाथ में एक कड़ा था, जिस पर लिखा था विरेंद्र तारागढ़। उसके बाद युवक के स्वजनों को सूचना दे दी गई थी। युवक ने पहले परने से फांसी लेने का प्रयास किया था, लेकिन परना टूट गया था। उसके बाद उसने अपने लोवर से फांसी खा ली। स्वजनों के आने के बाद शव को पेड़ से नीचे उतारा गया। शनिवार शाम छह बजे निकला था घर से
मृतक युवक शनिवार को शाम करीब छह बजे अपने घर से निकला था। उसने शनिवार को कैथल से नए जूते लिए थे। स्वजनों को बोला की वह अपने जूते बदलवाने के लिए शहर जा रहा है। बस में सवार होकर वह कैथल पहुंच गया था। रात के समय जब वह घर नहीं पहुंचा तो स्वजनों ने युवक पर कई फोन किए। किसी ने उनका फोन नहीं उठाया।