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लंपी स्किन से ग्रस्त पशुओं के उबले हुए दूध का ही प्रयोग करें : डा. चंद्र पाल

उप निदेशक पशुपालन शहीद भगत सिंह नगर डा. चंद्र पाल सिंह ने यहां कहा कि खुजली से पीड़ित जानवरों के दूध को उबालकर इस्तेमाल किया जा सकता है और यह मनुष्यों के लिए हानिकारक नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Aug 2022 09:00 PM (IST)Updated: Sun, 14 Aug 2022 09:00 PM (IST)
लंपी स्किन से ग्रस्त पशुओं के उबले हुए दूध का ही प्रयोग करें : डा. चंद्र पाल

जागरण संवाददाता, नवांशहर : उप निदेशक पशुपालन शहीद भगत सिंह नगर डा. चंद्र पाल सिंह ने यहां कहा कि खुजली से पीड़ित जानवरों के दूध को उबालकर इस्तेमाल किया जा सकता है और यह मनुष्यों के लिए हानिकारक नहीं है। उन्होंने लंपी स्किन बीमारी फैलने के बाद विभिन्न अफवाहों पर विराम लगाते हुए कहा कि अभी तक एक भी ऐसा मामला सामने नहीं आया है, जो इस बात की पुष्टि करता हो कि यह बीमारी जानवरों से इंसानों में फैलती है। उन्होंने पशुपालकों और डेयरी उत्पादकों से भी अपील की कि वे अपने प्रभावित पशुओं का पूरा ख्याल रखें और पशुपालन विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार इलाज करवाएं।

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डॉ. चंद्र पाल सिंह ने कहा कि जिले में अब तक 2384 मवेशियों के इस रोग से ग्रस्त होने की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से 1073 स्वस्थ हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि विभाग की टीमें लगातार प्रभावित पशुओं के इलाज में लगी हुई हैं। उन्होंने कहा कि विभाग गौशालाओं पर भी विशेष ध्यान दे रहा है और प्रबंधकों को रोग के लक्षण और पशुओं की सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा रहा है। उप निदेशक पशुपालन ने कहा कि विभाग के पास दवाओं और टीकों की कोई कमी नहीं है और सरकार की ओर से लगातार आपूर्ति हो रही है। उन्होंने कहा कि बीमार पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखना चाहिए। उन्हें बाहर न ले जाएं और पशु चिकित्सा विशेषज्ञों से उनका इलाज कराएं।


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